एनजीटी ने 18 राज्यों से अपशिष्ट जल के इस्तेमाल पर कार्य योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया

May 15, 2019, 14:23 IST

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के समक्ष तीन महीने के भीतर कार्य योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

NGT directs 18 states, 2 UTs to submit action plan on utilisation of treated wastewater
NGT directs 18 states, 2 UTs to submit action plan on utilisation of treated wastewater

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने 14 मई 2019 को देश भर में भूजल संसाधनों पर दबाव कम करने और शोधित अपशिष्ट जल का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए राज्यों से कहा है. एनजीटी ने 18 राज्यों और 02 केन्द्र शासित प्रदेशों को अपशिष्ट जल के इस्तेमाल पर कार्य योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के समक्ष तीन महीने के भीतर कार्य योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

मुख्य बिंदु:

•   एनजीटी के अनुसार, जिन राज्यों ने अभी तक अपनी कार्य योजना को अंतिम रूप नहीं दिया है वे अधिकरण के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं, जिसका कोई वास्तविक कारण नजर नहीं आ रहा है.

•   मात्र नौ राज्यों और पांच केन्द्र शासित प्रदेशों ने अपनी कार्य योजना प्रस्तुत की है.

•   केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, अंडमान और निकोबार, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दमन और दीव, दिल्ली, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, मणिपुर, ओडिशा, त्रिपुरा से कार्य योजनाएं प्राप्त हुई हैं.

कार्य योजना प्रस्तुत नहीं:

जिन राज्यों ने कार्य योजना प्रस्तुत नहीं की हैं, वे अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, दादरा एवं नगर हवेली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, पुडुचेरी, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड हैं.

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के बारे में:

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण अधिनियम, 2010 द्वारा भारत में एक राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की स्थापना की गई.

इस अधिनियम के अंतर्गत पर्यावरण से संबंधित कानूनी अधिकारों के प्रवर्तन एवं व्यक्तियों और संपत्ति के नुकसान हेतु सहायता और क्षतिपूर्ति देने या उससे संबंधित या उससे जुड़े मामलों सहित, पर्यावरण संरक्षण एवं वनों तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के प्रभावी और त्वरित निपटारे के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण की स्थापना की गयी.

यह एक विशिष्ट निकाय है जो बहु-अनुशासनात्मक समस्याओं वाले पर्यावरणीय विवादों को संभालने हेतु आवश्यक विशेषज्ञता द्वारा सुसज्जित है. पर्यावरण संबंधी मामलों में अधिकरण का समर्पित क्षेत्राधिकार तीव्र पर्यावरणीय न्याय प्रदान करेगा.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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