ऋषिकेश में गंगा नदी के किनारे होने वाली कैंपिंग को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने 2 मार्च 2017 को अहम निर्देश जारी किया. राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने उत्तराखंड के इन 33 में से 25 कैंपिंग स्थानों को छूट प्रदान की.
एनजीटी द्वारा जारी किए गये निर्देश में यह कहा गया कि कैंपिंग के दौरान गंगा से 100 मीटर की दूरी बनाये रखनी होगी.
एक याचिका पर सुनवाई करते हुए वर्ष 2015 में एनजीटी ने गंगा नदी में बढ़ती गंदगी को देखते हुए गंगा किनारे पर कैंपिंग पर रोक लगा दी थी. एनजीटी का मानना था कि इससे नदी और वन्यजीवों को नुकसान हो रहा था.
एनजीटी ने यह स्पष्ट किया कि राफ्टिंग से नदी अथवा वातावरण में अधिक प्रदूषण नहीं होता इसलिए राफ्टिंग गतिविधि को जारी रखने की अनुमति दी गयी. ऋषिकेश और शिवपुरी के बीच 200 से अधिक राफ्टिंग बीच कैंप बन गए हैं जिससे वहां आने वाले पर्यटक नदी को प्रदूषित करते हैं.
साथ ही गोमुख से हरिद्वार तक किसी भी प्रकार के प्लास्टिक के इस्तेमाल पर भी प्रतिबन्ध लगाया गया है. गंगा में कचरा बहाने वाले होटलों, धर्मशालाओं और आश्रमों पर 5000 रुपए रोजाना की दर से जुर्माना लगाने का भी निर्देश दिया गया.
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