भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 03 अगस्त 2018 को 25,000 करोड़ रुपए के दीर्घकालीन कर्ज को लेकर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के साथ समझौता किया.
यह एसबीआई द्वारा किसी भी कंपनी को दिया जाने वाला बिना गारंटी वाला (असुरक्षित) सबसे बड़ा कर्ज है. एनएचएआई को एसबीआई से दिया जाना वाला यह अब तक का सबसे बड़ा ऋण होगा. बिना जमानत का ये दस वर्षीय कर्ज पूरी तरह एनएचएआइ को उसकी साख और रेटिंग के आधार पर मिल रहा है.
मुख्य तथ्य:
- एनएचएआई को एसबीआई से 10 साल के लिये 25,000 करोड़ रुपए का बिना गारंटी वाला कर्ज मिल रहा है.
- शुरू के तीन साल कर्ज का भुगतान नहीं करना होगा. किसी भी संस्थान द्वारा एक बार में एनएचएआई को मंजूर यह अब तक का सबसे बड़ा कर्ज है.
- एसबीआई ने एक महीने की कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) पर पूरी राशि 25,000 करोड़ रुपए का कर्ज देने की पेशकश की.
- पहले तीन साल में मूल राशि के भुगतान की जरूरत नहीं है और उसके बाद छमाही आधार पर 14 समान किस्तों में राशि लौटायी जाएगी.
- एनएचएआई को पूरी राशि 31 मार्च 2019 तक मिल जाएगी. एनएचएआइ चाहे जितनी बार में चाहे ये रकम निकाल सकता है.
- एनएचएआइ की ओर से ब्याज की रकम मासिक आधार पर चुकाई जाएगी.
- एनएचएआइ को इतने बड़े कर्ज की जरूरत सड़क निर्माण, खासकर भारतमाला से जुड़ी परियोजनाओं की रफ्तार बढ़ाने के लिए पड़ी है.
राष्ट्रीय राजमार्ग के बारे में: |
भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग, भारत की केन्द्रीय सरकार द्वारा संस्थापित और सम्भाले जानी वाली लंबी दूरी की सड़कें है. भारत के राजमार्गो की कुल दूरी लगभग 122434 किमी है, जिसमे से केवल 4,885 किमी की सड़को के मध्य पक्का विभाजन बनाया गया है. राजमार्गो की लंबाई भारत के सड़को का मात्र 2% है, लेकिन यह कुल यातायात का लगभग 40% भार उठाते है. कुछ शहरो के बीच 4 और 6 पंक्तियों के राजमार्गो का भी विकास हुआ. भारत का सबसे बड़ा राजमार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 7 (NH7) है, जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर को भारत के दक्षिणी कोने, तमिलनाडु के कन्याकुमारी शहर के साथ जोड़ता है. इसकी लंबाई 2369 किमी है. |
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई):
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन काम करता है.
इसका कार्य इसे सौंपे गए राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास, रखरखाव और प्रबन्धन करना और इससे जुड़े हुए अथवा आनुषंगिक मामलों को देखना है.
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का गठन संसद के एक अधिनियम, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियम, 1988 के द्वारा किया गया था.
प्राधिकरण ने फरवरी 1995 में पूर्णकालिक अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति के साथ कार्य करना शुरू किया.
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