एक तरफ देश में सबसे ज्यादा कोरोना की मार झेल रहे केरल में अब घातक एक और जानलेवा वायरस निपाह के संक्रमण से एक 12 साल के बच्चे की मौत ने नया संकट खड़ा कर दिया है. निपाह वायरस से संक्रमित ये मामला केरल (Kerala) के कोझिकोड जिले में मिला है. कोझीकोड में 12 वर्षीय बच्चे में निपाह वायरस संक्रमण के लक्षण मिलने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई है.
यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने दी है. केंद्र सरकार ने इसे देखते हुए एनसीडीसी की एक टीम केरल भेजी है. निपाह के संदिग्ध संक्रमण की सूचना मिलने के बाद राज्य सरकार ने 04 सितंबर 2021 को देर रात स्वास्थ्य अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक की थी. हालांकि राज्य सरकार ने अभी तक आधिकारिक तौर पर निपाह वायरस की मौजूदगी की घोषणा नहीं की है, इसे संदिग्ध मरीज ही माना जा रहा है.
A case of Nipah virus has been detected in the Kozhikode district of Kerala. The Central Government has rushed a team of National Centre for Disease Control (NCDC) to the State to provide technical support: Government of India
— ANI (@ANI) September 5, 2021
ये कोई नया वायरस नहीं
आपको बता दें कि ये कोई नया वायरस नहीं है ओर पूर्व में इसके संक्रमण को रोका जा चुका है. साल 2018 में भी निपाह वायरस की वजह से केरल में 17 लोगों की मौत हो गई थी. वर्ष 1998 में मलेशिया में इसकी वजह से 100 से अधिक लोगों की जान गई थी. यह रोग साल 2001 में और फिर साल 2007 में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी सामने आया था. पहली बार भारत में टेरोपस गिगेंटस चमगादड़ में इस वायरस का पता चला था.
मलेशिया में सबसे पहले निपाह वायरस मिला था
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के मुताबिक, मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह गांव में इस वायरस का सबसे पहले पता चला था और इस गांव के नाम पर ही इसका नाम निपाह पड़ा था. इसके बाद सिंगापुर में निपाह का मामला सामने आया था. बता दें कि साल 2001 में भारत और साल 2004 में बांग्लादेश के कुछ लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गए थे.
डब्लूएचओ के अनुसार, निपाह वायरस
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार, निपाह वायरस एक नई उभरती बीमारी है. इसे 'निपाह वायरस एन्सेफलाइटिस' भी कहा जाता है. निपाह वायरस एक तरह का दिमागी बुखार है. इसका संक्रमण तेजी से फैलता है. यह संक्रमण होने के लगभग 48 घंटे के भीतर व्यक्ति को कोमा में पहुंचा देता है.
निपाह वायरस क्या है?
यह एक ऐसा इंफेक्शन है जो फल खाने वाले चमगादड़ों द्वारा मनष्यों को अपना शिकार बनाता है. यह इंफेक्शन सबसे पहले सुअरों में देखा गया लेकिन बाद में यह वायरस इंसानों तक भी पहुंच गया. निपाह वायरस चमगादड़ों द्वारा किसी फल को खाने तथा उसी फल को मनुष्य द्वारा खाए जाने पर फैलता है. इसमें अधिकतर खजूर एवं ताड़ी शामिल है. यह वायरस इंसानों के साथ-साथ जानवरों को भी अपनी चपेट में ले लेता है. यह वायरस आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच जाता है.
निपाह वायरस के लक्षण
इस संक्रमण का मुख्य लक्षण बुखार, खांसी, सिरदर्द, मानसिक भ्रम, दिमाग में सूजन, कोमा, उल्टी होना, सांस की तकलीफ आदि हैं. इनसे रोगी की मौत भी होने का खतरा बना रहता है. निपाह वायरस के रोगी 24-48 घंटों के भीतर कोमा में जा सकता है अथवा उसकी मृत्यु हो सकती है.
निपाह वायरस से बचने के लिए सावधानियां
निपाह वायरस से संक्रमित होने से बचने के लिए संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें. यदि निपाह वायरस से मरने वाले किसी भी व्यक्ति के मृत शरीर के आस-पास जाए तो अपने चेहरे को ठीक से ढक लें. संक्रमित चमगादड़, सूअरों और स्थानों से दूर रहें जहा की इस बीमारी की आशंका हो.
निपाह वायरस से बचने के लिए पेड़ से गिरे हुए फल न खाएं, सभी फलों को अच्छी तरह धो लें. खजूर के पेड़ से निकलने वाले रस पीने से बचें. निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति या जानवर के आस-पास आते हैं, तो आपको रोगी से दूरी बनाए रखना चाहिए और अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए.
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