नीति आयोग ने भारत में परिवहन व्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए छह अत्याधुनिक परिवहन प्रणालियों को मंजूरी प्रदान की. नीति आयोग से मंजूरी मिलने के बाद परिवहन विभाग ने इस हाइपरलूप, मेट्रिनो और पॉड टैक्सी तकनीक से जुड़े सुरक्षा के मानकों के अध्ययन के लिए रेलवे के एक पूर्व शीर्ष अधिकारी के नेतृत्व में छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया है.
इन छह अत्याधुनिक परिवहन व्यवस्थाओं में हाइपरलूप, मेट्रिनो, पॉड टैक्सी, स्टैडलर बस, हाइब्रिड बस एवं फ्रेट रेल रोड शमिल हैं. नीति आयोग ने इस शर्त के साथ परिवहन मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी कि मंत्रालय द्वारा इन सभी तकनीकों को शुरु करने से पहले सुरक्षा मानकों के लिहाज से ट्रायल रन कराया जायेगा.
परिवहन मंत्रालय का मानना है कि इस नई तकनीक से देश के शहरी क्षेत्रों में यात्रा करने का तरीका बदल सकता है. चूंकि यह तकनीक भारत में नई है इसलिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके मानक एवं तरीकों को जानना बेहद आवश्यक है.
मेट्रिनो
एक रोप वे पर पॉड की सहायता से चलने वाली परिवहन तकनीक है. सफर होता है. यह सेवा सड़क से 5 से 10 मीटर ऊपर संचालित होती है. इसमें कोई ड्राइवर नहीं होता. मेट्रो की तुलना में इसकी लगत भी कम आती है.
फ्रेट रेल रोड
रेलवे लाइनों के साथ-साथ एलिवेटेड कॉरिडोर बनाए जाएंगे जिसमें फ्रेट ट्रकों को रखा जा सकता है और इसके बाद वे तेज रफ्तार से आगे बढ़ेंगे. इससे माल ढुलाई के समय में कमी आएगी और अधिक माल भेजा जा सकेगा.
हाइपरलूप
हाइपरलूप ट्रेन चुंबकीय शक्ति पर आधारित तकनीक है जिसके अंतर्गत खंभों के ऊपर (एलीवेटेड) पारदर्शी ट्यूब बिछाई जाती है. इसके भीतर बुलेट जैसी शक्ल की लंबी सिंगल बोगी हवा में तैरते हुए चलती है. यह मेट्रो से भी तेज चलती है.
पॉड कार
पॉड कार एक स्वचालित छोटा वाहन है. इसके लिए जमीन से कई फीट ऊंचे पिलर्स पर अलग से रूट बनाया जाता है. पॉड कार छोटी पटरियों पर चलती है और इसी रूट से जुड़े हुए छोटे-छोटे स्टेशन बनाए जाते हैं. पॉड कार में तीन से छह लोगों के बैठने की क्षमता होती है.

Comments
All Comments (0)
Join the conversation