नीति आयोग और माइकल और सुसान डेल फाउंडेशन (एमएसडीएफ) ने 12 फरवरी 2019 को प्रणालीगत सुधारों के माध्यम से पब्लिक स्कूल शिक्षा में सुधार लाने के लिए श्रेष्ठ प्रक्रियाओं को साझा करने और दस्तावेजों को संहिताबद्ध करने के लिए आशय पत्रक (एसओआई) पर हस्ताक्षर किए हैं. ऐसा एमएसडीएफ के भारत की विभिन्न राज्य सरकारों के साथ किए गए कार्य के सामूहिक अनुभव के आधार पर किया गया है.
इस एसओआई पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की उपस्थिति में नीति आयोग के सलाहकार (एचआरडी) आलोक कुमार और एमएसडीएफ के प्रबंध निदेशक (अंतर्राष्ट्रीय) बरुण मोहंती ने हस्ताक्षर किए.
मुख्य तथ्य:
• इस नवीनतम भागीदारी के तहत नीति आयोग और सुसान डेल फाउंडेशन विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा किये गए उन सुधारों का दस्तावेजीकरण करेगा, जिनसे शिक्षा में प्रणालीगत सुधारों की शुरूआत हुई है और पिछले वर्षों के दौरान इन सुधारों से शिक्षा परिणामों में सुधार आना शुरू हुआ है.
• समझौते के तहत राज्य के नेताओं, सलाहकारों, अनुसंधान एजेंसियों और शिक्षकों को शामिल करके एक संयुक्त दल राज्यों से शिक्षा पर आधारित परिवर्तन के सिद्धांत को विकसित करने में मिलकर कार्य करेगा.
• शिक्षा में प्रणालीगत सुधार के प्रभाव के मूल्यांकन का अध्ययन तीसरे पक्ष द्वारा कराया जाएगा. एक स्तर पर शिक्षा परिणामों में सुधार लाने के लिए समन्वित और सतत प्रयासों के साथ-साथ शैक्षिक तथा प्रशासन दोनों सुधारों की जरूरत है.
नीति आयोग के बारे में: |
नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान) भारत सरकार द्वारा गठित एक नया संस्थान है जिसे योजना आयोग के स्थान पर बनाया गया है. 1 जनवरी 2015 को इस नए संस्थान के संबंध में जानकारी देने वाला मंत्रिमंडल का प्रस्ताव जारी किया गया. यह संस्थान सरकार के थिंक टैंक के रूप में सेवाएं प्रदान करेगा और उसे निर्देशात्मक एवं नीतिगत गतिशीलता प्रदान करेगा. नीति आयोग, केन्द्र और राज्य स्तरों पर सरकार को नीति के प्रमुख कारकों के संबंध में प्रासंगिक महत्वपूर्ण एवं तकनीकी परामर्श उपलब्ध कराएगा. |
पृष्ठभूमि:
नीति आयोग को साक्ष्य आधारित नीति सुधार और ज्ञान निवेश के माध्यम से सहयोगी और प्रतिस्पर्धी संघवाद को बढ़ावा देने के मुख्य जनादेश के साथ स्थापित किया गया था. अपनी स्थापना से ही नीति आयोग ने सतत शिक्षा प्रणाली को स्थापित करने के लिए शिक्षा परिणामों को एक प्रमुख केन्द्रित क्षेत्र के रूप में महत्व दिया है.
इसके परिणामस्वरूप स्कूली शिक्षा गुणवत्ता सूचकांक (एसईक्यूआई) शैक्षिक परिणामों और शिक्षा प्रमाणकों को अधिक महत्व देते हुए राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को उचित स्थान देने के लिए विकसित किया गया है. नीति आयोग मध्य प्रदेश, झारखंड और ओडिशा में प्रणालीगत बदलाव लाने के लिए शिक्षा में मानव पूंजी परिवर्तन के लिए सतत कार्य पहल (एसएटीएच-ई) लागू कर रहा है.
शिक्षा आकांक्षापूर्ण जिला कार्यक्रमों का एक महत्वपूर्ण घटक भी है, जो भारत के सबसे अधिक वंचित जिलों में शिक्षा की स्थिति में सुधार करना चाहते हैं. विभिन्न राज्यों में शिक्षा में हुए प्रणालीगत सुधारों के माध्यम से पूरे देश के लगभग 30 मिलियन बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.
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