North Korea Food Crisis: उत्तर कोरिया में खाद्य संकट (North Korea Food Crisis) का असर काफी गंभीर होता जा रहा है. उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने इसके मद्देनजर लोगों को कम खाने का फरमान सुनाया है. किम जोंग ने देशवासियों से कहा है कि साल 2025 तक कम खाना खाएं ताकि देश खाद्य संकट से उभर सके.
विश्वभर में कोविड-19 (Covid-19) की वजह से अर्थव्यवस्था काफी पीछे चली गई है. महंगाई, बेरोजगारी और खाद्य संकट से करीब-करीब सभी देश गुजर रहे हैं. उत्तर कोरिया में उसकी चीन से लगती सीमा बंद होने से वहां खाने की भयंकर समस्या पैदा हो गई है. इसकी वजह से उत्तर कोरिया ने अपने नागरिकों से कम खाने से अपनी जिंदगी चलाने की आदत डालने की अपील की है.
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ने अनुमान लगाया कि उत्तर कोरिया में इस साल लगभग 860,000 टन भोजन की कमी है. नागरिकों का कहना है कि साल 2025 तक कठिनाइयों को सहन करने की आदत डालना खुद को भूखों मारना जैसा है. |
उत्तर कोरिया में खाद्य संकट
उत्तर कोरिया में आम आदमी महंगाई, बेरोजगारी और खाद्य संकट से गुजर रहा है. उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन के अनुसार, ऐसा अगले तीन साल तक करना पड़ेगा. चीन की सीमा साल 2025 में जब खुलेगी तभी वहां खाने का संकट खत्म हो पाएगा.
किम जोंग उन ने क्या कहा?
दरअसल उत्तर कोरिया में चीन के साथ लगी सीमा बंद होने से खाद्य संकट पैदा हो गया है. उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने देश में भुखमरी के हालात को देखते हुए अब लोगों को आदेश दिया है कि वे कम खाकर अपने जीवन को चलाने की आदत डालें.
अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा असर
उत्तर कोरिया ने कोरोना संक्रमण के कारण जनवरी 2020 में एहतियात के तौर पर चीन से लगी सीमा को बंद करने का फैसला किया था, हालांकि इस फैसले के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ा. मांग की आपूर्ति नहीं हो पाने के कारण दैनिक उपयोग में आने वाली चीजों के भाव भी काफी बढ़ गए हैं. इस तीव्र भोजन की कमी के पीछे मुख्य वजह कोविड-19 महामारी, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों और व्यापक बाढ़ के मद्देनजर सीमाओं को बंद करना है.
आत्मनिर्भर होने की बात पर जोर
ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि साल 2025 से पहले सीमा नहीं खोली जाएगी. इस बीच तानाशाह किंग जोंग उन खाद्य समस्या को लेकर आत्मनिर्भर होने की बात भी कर रहे हैं. केंद्रीय समिति ने जुलाई में खाद्य आशंका को देखते हुए लोगों से अपने लिए फसल उगाने को कहा था.
1990 के दशक में विनाशकारी अकाल का अनुभव
चीन के आधिकारिक सीमा शुल्क आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर कोरिया भोजन, उर्वरक और ईंधन के लिए चीन पर निर्भर है. इसका आयात 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 50 करोड़ डॉलर हो गया है. उत्तर कोरिया ने 1990 के दशक में विनाशकारी अकाल का अनुभव किया था. इसमें हजारों लोगों की मौत हो गई थी. पिछले साल कोरोना वायरस महामारी और गर्मी के तूफान और बाढ़ ने अर्थव्यवस्था पर और दबाव डाला है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation