उत्तरी भारत के मुख्यमंत्रियों की संयुक्त बैठक में 20 अगस्त 2018 को निर्णय लिया गया कि वे नशाखोरी एवं तस्करी के कारण राज्यों में हो रही समस्याओं से निपटने के लिए एक संयुक्त सचिवालय का निर्माण करेंगे.
इस संबंध में हरियाणा स्थित पंचकूला में एक संयुक्त सचिवालय स्थापित किया जाएगा, जहां ये राज्य आपस में ड्रग्स से जुड़े आंकड़े एवं जानकारियां साझा करेंगे एवं अगले कदम उठाएंगे.
संयुक्त वक्तव्य |
बैठक के दौरान सभी राज्यों की तरफ से नशे के खिलाफ एक संयुक्त बयान जारी किया गया. इसमें मिलकर नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए कदम उठाने की बात कही गई. इस दौरान पंचकूला में संयुक्त सचिवालय बनाने का फैसला हुआ और यहां संबंधित राज्यों के नोडल अधिकारी तैनात किये जायेंगे. |
बैठक के मुख्य बिंदु
• बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हिस्सा लिया.
• दिल्ली, राजस्थान और चंडीगढ़ की ओर से गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक लेवल के अधिकारी भी आए.
• इस दौरान आपस में सटे इन राज्यों के बीच नशे की तस्करी और इससे तबाह हो रही युवा शक्ति के मुद्दे पर बातचीत की गई.
• बैठक में उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों के नाम भी प्रस्तावित थे लेकिन उनके प्रतिनिधि के तौर पर वहां के अधिकारी भी मौजूद रहे.
नशाखोरी के खिलाफ संयुक्त सचिवालय
• बैठक में लिए गये निर्णय के अनुसार नशे से प्रभावित सभी राज्यों का साझा सचिवालय पंचकूला में बनेगा.
• इस सचिवालय में हर राज्य अपना नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा.
• इसके अलावा हर छह महीने में नशा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक करेंगे तथा नशे के खिलाफ उठाए कदमों की समीक्षा करेंगे.
• हर तीन महीने में सभी राज्यों के शीर्ष स्तर के अफसर बैठक कर पूरे अभियान की मानीटरिंग करेंगे, जबकि अंतरराज्यीय सीमा से सटे जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक नियमित अंतराल पर बैठकें करके नशे का नेटवर्क समाप्त करने की रणनीति साझा करेंगे.
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