सुपोषित माँ अभियान: कुपोषण मुक्त भारत बनाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने हाल ही में कोटा, राजस्थान से एक राष्ट्रीय अभियान ‘सुपोषित माँ अभियान’ शुरू किया. ओम बिड़ला ने कहा कि “सुपोषित माँ अभियान” देश में किशोरियों और गर्भवती महिलाओं का के लिए लाभकारी सिद्ध होगा.
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों के स्वास्थ्य को दुरुस्त बनाए रखना है इस अभियान को राजस्थान स्थित कोटा से लॉन्च किया गया है लेकिन आगे चलकर यह पूरे भारत को कवर करेगा. अभियान के पहले चरण में 1,000 गर्भवती महिलाओं को 17 किलोग्राम संतुलित आहार की 1000 किट प्रदान की गई.
सुपोषित माँ अभियान के बारे में जानकारी
• सुपोषित माँ अभियान हमारी भावी पीढ़ियों को स्वस्थ बनाए रखने का एक विशेष अभियान है. लोकसभा अध्यक्ष ने इस अवसर पर कहा कि ऐसे कार्यक्रमों को 130 करोड़ भारतीयों के सपनों को पूरा करने के लिए एक जन आंदोलन के रूप में आरंभ किया जाना चाहिए.
• इस अभियान की योजना के अनुसार, 12 महीने के लिए 1000 महिलाओं को 1 महीने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर भोजन दिया जाएगा. साथ ही जच्चे-बच्चे की स्वास्थ्य चिकित्सा जांच, रक्त, दवा, प्रसव सहित अन्य बातों का ध्यान रखा जाएगा.
• यह गर्भवती माताओं और लड़कियों के लिए पोषण संबंधी सहायता है. अभियान न केवल गर्भवती महिलाओं की देखभाल करेगा, बल्कि नवजात शिशु भी इस योजना का हिस्सा होंगे.
लाभ
इस अभियान के पहले चरण में, लगभग 1000 गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने अपने संसदीय क्षेत्र कोटा से इस योजना का शुभारंभ किया. सुपोषित माँ अभियान में एक परिवार की एक गर्भवती महिला शामिल होगी. सुपोषित माँ अभियान के तहत नवजात बच्चे के सवास्थ्य के प्रति भी विशेष देखरेख की जाएगी. गर्भवती महिला को नौ महीने तक प्रति माह दी जाने वाली पोषण किट 17 किलो की होगी. इसमें गेहूं, चना, मक्का और बाजरा का आटा, गुड़, दलिया, दाल, बड़ी सोयाबीन, घी, मूंगफली, भुने हुए चने, खजूर और चावल शामिल होंगे.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation