भारत में कोरोनावायरस के लिए वैक्सीन बना रही फार्मा कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने 19 नवंबर 2020 को बताया कि स्वास्थ्य कर्मचारियों और बुजुर्गों के लिए कोविड-19 की ऑक्सफोर्ड वैक्सीन अप्रैल 2021 तक बाजार में आ सकती है.
इसके साथ ही सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि कोरोना वैक्सीन अगले 4 से 5 महीनें में जनता के लिए उपलब्ध हो सकती है. उन्होंने कहा कि जनता को जरूरी दो खुराक की कीमत अधिकतम एक हजार रूपए होगी लेकिन यह परीक्षण के अंतिम नतीजों और नियामक की मंजूरी पर निर्भर करेगा.
2024 तक हर भारतीय को टीका लगेगा
सीईओ अदार पूनावाला ने वैक्सीन की कीमत के बारे में बताते हुए कहा कि अंतिम परीक्षण के परिणामों और नियामक अनुमोदन के आधार पर आम जनता को दो आवश्यक खुराक के लिए अधिकतम 1,000 रुपए चुकाने होंगे. उन्होंने हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट (एचटीएलएस) 2020 में कहा कि संभवतया 2024 तक हर भारतीय को टीका लग चुका होगा.
उन्होंने कहा कि भारत के हर व्यक्ति को टीका लगाने में दो या तीन साल लगेंगे, यह केवल आपूर्ति में कमी के कारण नहीं बल्कि इसलिए कि आपको बजट, टीका, साजो सामान, बुनियादी ढाँचे की जरूरत है और फिर टीका लगवाने के लिए लोगों को राजी होना चाहिए और यह वे कारक हैं जो पूरी आबादी के 80-90 प्रतिशत लोगों को टीकाकरण के लिए जरूरी है.
ऑक्सफोर्ड वैक्सीन कितना सुरक्षित है?
पूनावाला ने कहा कि ये वैक्सीन ‘टी सेल’ पर अच्छा काम करती है, जो लॉन्ग टर्म इम्यूनिटी और एंटीबॉडी रिस्पॉन्स के लिए जरूरी माना जाता है. हालांकि ये समय ही बताएगा कि ये वैक्सीन लंबे समय तक कितनी सुरक्षा देगी. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित कोविड-19 टीका 56-69 आयु समूह के लोगों तथा 70 साल से अधिक के बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार करने में भी कारगर है.
बच्चों को थोड़ा इंतजार करना होगा
पूनावाला ने कहा कि सुरक्षा डेटा आने तक बच्चों को थोड़ा इंतजार करना होगा, लेकिन अच्छी खबर यह है कि कोरोना उनके लिए ज्यादा खतरनाक नहीं है. ऑक्सफोर्ड वैक्सीन सस्ती और सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि इसे स्टोर करने के लिए दो से आठ डिग्री सेल्सियस के तापमान की जरूरत होगी, जो भारत के कोल्ड स्टोरेज के लिए आदर्श तापमान है.
पृष्ठभूमि
दुनियाभर के लगभग सभी बड़े और विकसित देशों में इन दिनों कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर तेजी से ट्रायल किए जा रहे हैं. भारत की सीरम इंस्टीट्यूट भी कोरोना वैक्सीन पर ट्रायल कर रही है. गौरतलब है भारत में जिन कंपनियों को नियामक की मंजूरी मिल चुकी है उनसे सरकार लगातार संपर्क में है.
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