पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में बड़े पैमाने पर टिड्डियों के हमले के कारण देश में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की है. इन टिड्डियों ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पूरी फसलों को बर्बाद कर दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस संकट से उबरने के लिए देश को 730 करोड़ रुपये की जरूरत है.
यह फैसला हाल ही में प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा बुलाई गई बैठक में लिया गया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर काबू पाने हेतु एक राष्ट्रीय कार्य योजना को मंजूरी दी. सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) को विभिन्न कार्य सौंपे है. देश के कृषि उपादन के केंद्र पंजाब में टिड्डे फसल को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं.
पाकिस्तान में टिड्डियों का हमला
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मंत्री खुसरो बख्तियार के अनुसार, यह पहली बार है जब सिंध और पंजाब में हमले के बाद टिड्डी दल ने खैबर पख्तूनख्वा में प्रवेश किया है. पाकिस्तानी समाचार रिपोर्टों के अनुसार, लाखों रुपये की खड़ी फसलें और पेड़ क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
सोमालिया में टिड्डियों का हमला
सोमालिया ने टिड्डियों के हमले को लेकर हाल ही में राष्ट्रीय आपात की घोषणा की. इन कीड़ों ने खाद्य आपूर्ति को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, सोमालिया और इथियोपिया 25 वर्षों में सबसे बड़े टिड्डियों के हमले के गवाह बने. टिड्डों ने इस देश में पिछले 25 सालों में सबसे बुरी स्थिति पैदा कर दी है. हालांकि, पड़ोसी देश केन्या ने 70 सालों में एक टिड्डी खतरे को नहीं देखा है.
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टिड्डी हमला क्या है?
टिड्डियां मुख्य रूप से एक प्रकार के बड़े उष्णकटिबंधीय कीड़े हैं. इनके उड़ने की अविश्वसनीय क्षमता होती है. टिड्डे एक दिन में 150 किमी तक की दूरी तय कर सकते हैं. प्रत्येक टिड्डा (Locust) एक दिन में अपने वजन के बराबर अनाज खा सकता है. मादा टिड्डी मिट्टी में कोष्ठ (cells) बनाकर, प्रत्येक कोष्ठ में 20 से लेकर 100 अंडे तक रखती है.
एक टिड्डी का हमला कुछ ही मिनटों में लाखों हेक्टेयर भूमि को नष्ट कर सकता है. इस वर्ष केवल राजस्थान में 1.38 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर लगभग 97000 लीटर दवाई का छिड़काव किया गया है. पाकिस्तान और सोमालिया इस साल टिड्डी हमले के सबसे बुरी तरह प्रभावित देश हैं.
आमतौर पर जून और जुलाई में टिड्डियों पर हमला किया जाता है क्योंकि वे केवल गर्मियों और बरसात के मौसम में सक्रिय होते हैं. टिड्डी का विकास आर्द्रता ओर ताप पर अत्याधिक निर्भर करता है. टिड्डी के वृत्तखंडधारी पैरों के तीन जोड़ों में से सबसे पिछला जोड़ा अधिक परिवर्धित होता है. टिड्डियों का उपद्रव आरंभ हो जाने के बाद इसे नियंत्रित करना कठिन हो जाता है.
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