पाकिस्तान के कानून मंत्री जाहिद हामिद ने 27 नवंबर 2017 को अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी को सौंपा. हामिद ने देश में बिगड़ी क़ानून व्यवस्था के चलते यह इस्तीफा दिया.
इस्तीफ़ा देने पर उन्होंने जारी बयान में कहा, 'विवादित संशोधन के लिए सीधे तौर पर मैं जिम्मेवार नहीं था. देश में शांति बहाल को लेकर मैंने अपने पद से त्यागपत्र देने का फैसला लिया.' गौरतलब है कि पाकिस्तान में पिछले एक सप्ताह से हिंसक प्रदर्शन चल रहे हैं.
पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शनों का कारण
पाकिस्तानी कानून के अनुसार किसी भी चुनावी उम्मीदवार को यह हलफनामा देना होता है कि पैगम्बर मोहम्मद इस्लाम के आखिरी पैगम्बर हैं. हाल ही में पाकिस्तान चुनाव सुधार हेतु लाये गये नये प्रस्ताव में हलफनामे की इन शर्तों में बदलाव किया गया जिसके चलते पूरे देश में प्रदर्शन आरंभ हो गये. इसके अतिरिक्त मंत्री पद के लिए शपथ लेने वाले नेताओं को भी अल्लाह के नाम पर शपथ लेना होता है. इस नियम में भी जाहिद द्वारा बदलाव के लिए मंजूरी दी गयी जिसके चलते प्रदर्शनों ने पूरे देश में जोर पकड़ लिया.
पाकिस्तान सरकार का कहना है कि प्रस्ताव में हुई इस 'गलती' को सुधार लिया गया है लेकिन प्रदर्शनकारी कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. तहरीक-ए-खत्म-ए-नबूवत, तहरीक-ए-लबैक या रसूल अल्लाह (टीएलवाईआर) और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान (एसटी) के करीब 2,000 कार्यकर्ताओं ने दो सप्ताह से अधिक समय से इस्लामाबाद एक्सप्रेस-वे और मुर्री रोड की घेराबंदी कर रखी थी, यह सड़क इस्लामाबाद को इसके एकमात्र हवाईअड्डे और सेना के गढ़ रावलपिंडी को जोड़ती है. गौरतलब है कि आन्दोलनकारियों द्वारा किये जा रहे प्रदर्शनों के कारण देश के सभी बड़े प्राइवेट टीवी चैनल बंद थे.

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