28 जुलाई 2017 को पनामा पेपर्स के खुलासे के राजनीतिक परिणाम के कारण नवाज शरीफ़ को अपना पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा और वे ऐसी परिस्थिति में पद छोड़ने वाले सरकार के दूसरे प्रमुख हैं. अप्रैल 2016 में आइसलैंड के प्रधानमंत्री सिगमंडुर गुन्नलागसन को पनामा पेपर्स में नाम आने के दो दिन बाद ही अपना पद छोड़ना पड़ा. पनामा पेपर्स में उन्हें अपनी पत्नी के पैसों में अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े होने की बात कही गयी है.
ऐसी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में कुछ और समय के लिए पनामा पेपर्स सार्वजनिक दृश्य पर पूरी तरह से हावी रहेगा.
अतः हम यहाँ पनामा पेपर्स नामक दस्तावेजों से संबंधित सभी विवरण प्रदान कर रहे हैं.
पनामा पेपर्स क्या हैं ?
पानामनियन कंपनी मोसेक फोनसेका द्वारा इकट्ठा किया हुआ 1 करोड़ 15 लाख गुप्त फाइलों का भंडार है. 20 16 में इन दस्तावेजों से यह पता चलता है कि किस प्रकार मोसेक फोन्सेका के ग्राहक अपने पैसों की मनी लौन्डरिंग करने के साथ साथ टैक्स का भी भुगतान नहीं करते हैं.
पनामा पेपर्स के लीक होने की घटना दुनिया भर में चर्चा का विषय क्यों बनी ?
पनामा पेपर्स के लीक होने की घटना के चर्चा में रहने का मुख्य कारण इसके लिस्ट में दुनिया के सबसे अमीर लोगों, राजनेताओं और मशहूर हस्तियों और उनके रिश्तेदारों के नाम शामिल होना है.
यह पेपर राज्य के कम से कम 12 वर्तमान और पूर्व प्रमुख और 143 अन्य राजनेताओं के अवैध वित्तीय लेनदेन को दर्शाता है.
शरीफ और सिगमंडुर गुनलाग्ससन के रिश्तेदारों के अलावा इस पेपर से लीक होने वाले नामों की सूची में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, मलेशियाई प्रधान मंत्री नजीब रजाक के बेटे नाजीफुद्दीन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का परिवार, पूर्व चीनी प्रधानमंत्री ली पेंग की बेटी ली झियाओलिन, यूक्रेन के राष्ट्रपति और बार्सिलोना के अगुआ लियोनेल मेसी आदि के नाम शामिल है.
इस स्कैंडल में फुटबॉल का विश्व शासी निकाय फीफा भी शामिल है. इसमें यह भी खुलासा किया गया है कि अपनी सहायक कंपनियों और शाखाओं के साथ 500 से अधिक बैंक तथा लगभग 15,600 शेल कंपनियां मोसेक फोन्सेका के साथ पंजीकृत हैं.
भारत से सम्बन्ध
एक अनुमान के अनुसार, लगभग 2000 भारतीयों के नाम का उल्लेख भी इस दस्तावेज में किया गया है. भारतीयों की इस सूची में शामिल कुछ प्रमुख नाम हैं - अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय और उनका परिवार, केपी सिंह और परिवार (डीएलएफ) और समीर गहलौत (इंडियाबुल्स). हालांकि इन लोगो ने मोसेक फोन्सेका के साथ अपने लिंक से इनकार किया है.
कागजात कैसे लीक हो गए?
3 अप्रैल 2016 को एक जर्मन अख़बार सुड्तुश जेतंग (Zeitung) ने एक रिपोर्ट प्रकाशित किया जिसमें लीक की खबरें सामने आयीं. इस रिपोर्ट में यह कहा गया है कि मोसेक फोन्सेका, दुनिया की सबसे गोपनीय अपतटीय कानून फर्मों में से एक है, जो ग्राहकों को लम्बे समय तक टैक्स से बचने के लिए कई तरह की सुविधा मुहैया कराती है.
इस अखबार ने एक साल पहले यह कहा था कि किसी अज्ञात स्रोत ने इसे संपर्क किया और मोसेक फोन्सेका द्वारा बेचे जाने वाले दुनिया भर में गुमनाम ऑफशोर कंपनियों के एन्क्रिप्टेड आंतरिक दस्तावेज प्रस्तुत किए.
अखबार ने दस्तावेजों को वाशिंगटन स्थित अंतरराष्ट्रीय कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) के साथ साझा किया. आईसीआईजे ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के एक बड़े नेटवर्क के साथ साझा किया. कुल मिलाकर 78 देशों के 107 मीडिया आउटलेट्स ने इस डेटा की जांच की.
डेटा कितना बड़ा है?
पनामा पेपर्स में 11.5 मिलियन दस्तावेजों के सेट और जानकारी के 2.6 टेराबाइट्स का पता चलता है. कॉर्पोरेट सर्विस प्रदाता मोस्केक फोन्सेका में सूचीबद्ध 214,000 से अधिक कंपनियों के बारे में यह विस्तृत जानकारी (शेयरधारकों की पहचान और कंपनियों के निदेशकों) प्रदान करता है. यह लीक 2010 में विकीलीक्स द्वारा जारी अमेरिकी राजनयिक केबलों से बड़ा है और 2013 में एडवर्ड स्नोडेन द्वारा पत्रकारों को कुछ गुप्त दस्तावेज दिए गए हैं. इसके अंतर्गत 1977 से लेकर 2015 के अंत तक लगभग 40 वर्षों तक का डेटा उपलब्ध है.
पनामा पेपर्स के लीक होने का प्रभाव
इसका पूरे विश्व पर बहुत दूरगामी प्रभाव पड़ा है. इसके कुछ प्रमुख उदाहरण हैं-
• भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जांच का आदेश दिया और परिणामस्वरूप सरकार ने घोषणा की कि उसने केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की जांच इकाई से अधिकारियों और इसके विदेशी कर और कर अनुसंधान विभाग, वित्तीय खुफिया इकाई के एक विशेष मल्टी एजेंसी समूह और भारतीय रिजर्व बैंक का गठन किया
• घोटाले की प्रारंभिक मीडिया कवरेज के दो दिन बाद आइसलैंड के प्रधान मंत्री, सिगमंडुर गुनलाग्ससन ने अपने कार्यालय से इस्तीफा दे दिया.
• कोलंबिया और फ्रांस सहित कई देशों ने पनामा को व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए टैक्स स्वर्ग के रूप में बताया. यह घोषणा सरकारों को कर चोरी को रोकने में और वित्तीय जानकारी साझाकरण समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए केंद्रीय अमेरिकी देशों पर दबाव बनाने में मदद करेगी.
• ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की चिली की शाखा के अध्यक्ष गोन्ज़लो डलेवू ने पनामैन लॉ फर्म से लीक हुए दस्तावेजों में अपने नाम आने के बाद इस्तीफा दे दिया. उनका नाम कम से कम पांच अपतटीय कंपनियों से जुड़ा था.
मोसेक फोन्सेका के बारे में अधिक जानकारी
• मोसेक फोन्सेका एंड कंपनी एक पनामानी कानूनी फर्म है और दुनिया भर में 40 से अधिक कार्यालयों के साथ कॉर्पोरेट सेवा प्रदाता है.
• 1977 में स्थापित यह फर्म एक अग्रणी वैश्विक कंपनी है जो व्यापक कानूनी और विश्वास सेवाएं प्रदान करता है.
• यह वाणिज्यिक कानून, ट्रस्ट सेवाओं, निवेशक सलाहकार और अंतरराष्ट्रीय संरचनाओं में माहिर है. यह बौद्धिक संपदा संरक्षण और समुद्री कानून सेवाएं भी प्रदान करता है.
• यह स्विस, साइप्रस,ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स सहित ब्रिटिश क्राउन पर निर्भर ग्वेर्नसे, जर्सी और आइल ऑफ मैन में टैक्स हेवन का काम करता है,
आईसीआईजे के बारे में
अन्वेषक पत्रकारों का एक अंतर्राष्ट्रीय कंसोर्टियम (आईसीआईजे) जो 70 देशों में 200 से अधिक शोधकर्ता पत्रकारों का एक वैश्विक नेटवर्क है, जिसका मुख्य कार्य गहन खोजी कहानियों में सहयोग देना है .
सम्मानित अमेरिकी पत्रकार चक लुईस द्वारा 1997 में स्थापित, आईसीआईजे को सेंटर द्वारा सीमा पार अपराध, भ्रष्टाचार और सत्ता की जवाबदेही हेतु लोक अखंडता की एक परियोजना के रूप में लॉन्च किया गया था.
यह गहन रिपोर्टिंग के अलावा दुनिया भर के खोजी पत्रकारों को एक साथ लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
अप्रैल 2017 में आईसीआईजे को पनामा पेपर्स में अपतटीय टैक्स हैवेन के भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार प्रदान किया गया.
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