नासा का पार्कर सोलर प्रोब सूर्य के सबसे करीब जाने वाला अंतरिक्षयान बना

Nov 1, 2018, 14:36 IST

पार्कर सोलर प्रोब सात साल तक सूरज का चक्कर लगाते हुए सूर्य का अध्ययन करेगा. यह यान सूर्य की बाह्य परत कोरोना के पास रहेगा. कोरोना का तापमान 10 लाख डिग्री सेल्सियस होता है.

Parker Solar Probe Becomes Closest Spacecraft to Sun
Parker Solar Probe Becomes Closest Spacecraft to Sun

नासा द्वारा सूर्य व उसके बाहरी वातावरण के अध्ययन के लिए भेजा गया पहला अंतरिक्षयान पार्कर सोलर प्रोब सूरज के सबसे करीब जाने वाला मानवनिर्मित अंतरिक्षयान बन गया है.

नासा ने इस उपलब्धि को ट्वीट करते हुए कहा, 'हम सूर्य को छूने के और पास पहुंच गए हैं. इस यान ने सूर्य के 4.3 करोड़ किलोमीटर करीब से गुज़रने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और इससे पहले यह रिकॉर्ड जर्मन-अमेरिकी अंतरिक्षयान हीलियस-2 के नाम पर था.

सूर्य का अध्ययन:

पार्कर सोलर प्रोब सात साल तक सूरज का चक्कर लगाते हुए सूर्य का अध्ययन करेगा. यह यान सूर्य की बाह्य परत कोरोना के पास रहेगा. कोरोना का तापमान 10 लाख डिग्री सेल्सियस होता है. नासा के इस अभियान का उद्देश्य कोरोना के पृथ्वी की सतह पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करना है.

मानवरहित स्पेसक्राफ्ट:

डेढ़ अरब डॉलर की लागत से बना यह मानवरहित स्पेसक्राफ्ट 13 अगस्त 2018 में लॉन्च किया गया था. इसे इसलिए छोड़ा गया ताकि पता लगाया जा सके कि सोलर सिस्टम में कौन-कौन सी चीजें धरती को प्रभावित करती हैं. स्पेसक्राफ्ट के परीक्षण के पीछे सौर तूफान उठने के कारणों का पता लगाना भी एक मकसद है. पार्कर प्रोब का मकसद पृथ्वी की सतह पर सूर्य के पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करना है.

सूर्य के नजदीक:

पार्कर लगातार अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए सूर्य के नजदीक पहुंचता रहेगा और वैज्ञानिकों के लिए दशकों से पहेली बने इस तारे के रहस्यों की जानकारी देता रहेगा. इस अभियान में सूर्य से इसकी निकटतम दूरी 61.63 लाख किलोमीटर होगी. वर्ष 2024 में पार्कर के यहां तक पहुंचने का अनुमान है. पूरे अभियान के दौरान यह सूर्य के 24 चक्कर लगाएगा. अक्टूबर 2018 की शुरुआत में पार्कर शुक्र ग्रह से महज 2414 किलोमीटर की दूरी से होकर गुजरा था.

सोलर प्रोब के बारे में:

सोलर प्रोब नासा द्वारा सूर्य के कोरोना व सौर वायु का रहस्य जानने के लिए भेजा गया एक अंतरिक्ष यान है. यह यान मूलतः वर्ष 2015 में भेजा जाना प्रस्तावित था, परन्तु कई देरियों के बाद अंततः इसे 12 अगस्त 2018 को अंतरिक्ष में भेज दिया गया.

इस यान का नाम फिजिसिस्‍ट यूजीन न्‍यूमैन पार्कर के नाम पर रखा गया है. इन्‍होंने तारों द्वारा ऊर्जा संचारित करने के कई अवधारणाएं पेश की थीं. नासा के इस यान का नाम पहली बार किसी जीवित वैज्ञानिक के नाम पर रखा गया है.

सोलर प्रोब सूर्य के काफी निकट तक पहुँचेगा और इसका डिजाइन व निर्माण कार्य अनुभवी एप्लाइड फिजिक्स लैब (एपीएल) द्वारा किया जाएगा. इस अभियान को भेजे जाने में सात वर्ष का समय लग जाएगा. सूर्य के कोरोना व सौर वायु के बारे में इससे काफी तथ्य उजागर होने की संभावनाएँ हैं. नासा का यह अभियान एरीज के वैज्ञानिकों द्वारा सूर्य पर किए जा रहे अध्ययन में भी लाभकारी सिद्ध होगा.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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