संसद ने 28 दिसम्बर 2017 को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली लॉज (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) विधेयक 2017 को मंजूरी दी. संसद ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बनी झुग्गियों और अनाधिकृत कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई करने से बचाने वाले एक महत्वपूर्ण बिल को पारित कर दिया. दिल्ली में अवैध निर्माण और अतिक्रमण की बढ़ती समस्या को देखते हुए यह बड़ा कदम है.
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राज्यसभा में चर्चा के बाद यह विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. जबकि लोकसभा में यह विधेयक 27 दिसम्बर 2017 को पारित हो गया था. विधेयक में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अतिक्रमण एवं अनाधिकृत निर्माण के संबंध में दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्रदान करने के प्रावधानों को 31 दिसंबर 2020 तक जारी रखने का प्रस्ताव किया गया है.
मुख्य तथ्य:
• इस विधेयक में दिल्ली में अवैध निर्माण, अतिक्रमण और अनाधिकृत कॉलोनियों और फार्म हाउस सहित सात बिंदुओं पर नियंत्रण और नियमन संबंधी कानूनी प्रक्रिया तय करने वाले प्रावधान शामिल किए गए हैं.
• विभिन्न सदस्यों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को दूर करने के लिए इस विधेयक में पर्याप्त प्रावधान हैं. इनके माध्यम से अवैध निर्माण, अनाधिकृत कॉलोनियों, झुग्गी बस्तीयों के पुनर्वास और फार्म हाउस क्षेत्रों के नियमितीकरण की प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा.
• यह विधेयक 2014 वाले विधेयक की तरह है, लेकिन इसमें रेहड़ी-पटरीवालों के प्रावधान को हटाया गया है क्योंकि इनके लिए अलग कानून है. विधेयक के कारण और उद्देश्यों में कहा गया है कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पिछले कई वर्षो में असाधारण रूप से वृद्धि दर्ज की गई है जिसके कारण आधारभूत संरचना और संसाधनों पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है.
• आवास, व्यापारिक स्थलों और अन्य सुविधाओं के लिये सतत रूप से मांग में बढ़ोतरी हो रही है. इसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक भूमि का अतिक्रमण, झुग्गी-झोपड़ियों में बढ़ोतरी, अनाधिकृत निर्माण में वृद्धि, आवासीय क्षेत्रों का वाणिज्यिक उपयोग, आवास की कमी की समस्याएं उत्पन्न हुई हैं.
• विधेयक में कहा गया है कि दिल्ली में असाधारण रूप से आबदी में वृद्धि हुई है. जिसके कारण आधारभूत संरचना व संसाधनों पर अत्याधिक दबाव पड़ रहा है. विधेयक में सरकार शहरी स्थानीय निकायों व अन्य संगठनों को अनधिकृत विकासों के संबंध में नीतियां, नियम व रणनीतियों हेतु संतुलन बनाने का प्रावधान है.
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