सुप्रीम कोर्ट ने 09 अक्टूबर 2017 को आदेश जारी करते हुए कहा कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री नहीं होगी. कोर्ट ने इस महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि दिल्ली-एनसीआर में 01 नवंबर 2017 तक पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पटाखों की बिक्री 1 नवंबर, 2017 से दोबारा शुरू हो सकेगी. कोर्ट का कहना है कि इसका उद्देश्य यह देखना है कि पटाखों के कारण दिल्ली में प्रदूषण पर कितना असर पड़ता है.
मुख्य बिंदु
• सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार दिल्ली में 2016 में दिए गए लाइसेंस का 50 प्रतिशत ही इस बार दिया जायेगा. यह नियम एनसीआर में भी लागू किया जायेगा.
• सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि साइलेंस जोन के 100 मीटर के भीतर पटाखे नहीं जलाए जाएंगे, यानी अस्पताल, कोर्ट, धार्मिक स्थल और स्कूल आदि के 100 मीटर के दायरे में पटाखे नहीं चला सकेंगे.
• इसके अलावा पटाखे बनाने में लिथियम, लेड, पारा, एंटीमोनी व आर्सेनिक का इस्तेमाल न करने का निर्देश दिया गया है.
• सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई गयी है न कि पटाखे चलाने पर.
• सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि दिल्ली में 50 लाख किलो पटाखे मौजूद हैं जो दीपावली तक के लिए पर्याप्त हैं.
• सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जिन लाइसेंसधारी दुकानदारों के पास पटाखे हैं वे अपने पटाखे बेच सकते हैं अथवा दूसरे राज्यों में निर्यात कर सकते हैं.
पृष्ठभूमि
सुप्रीम कोर्ट में तीन बच्चों की ओर से दाखिल एक याचिका में दशहरे और दीवाली पर पटाखे जलाने पर पाबंदी लगाने की मांग की गई थी. कोर्ट ने पिछले वर्ष 11 नवंबर को एक आदेश में ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के भीतर पटाखों की थोक और खुदरा बिक्री की अनुमति देने वाले’ सभी लाइसेंस निलंबित कर दिये थे. सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध का आदेश दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिया है.
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