ब्रिटेन के उच्च सदन 'हाउस ऑफ लॉर्ड्स' ने ब्रेग्जिट विधेयक पारित कर दिया. ब्रेग्जिट विधेयक के पारित होने के बाद ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के लिए अनुच्छेद 50 को लागू करने का रास्ता साफ हो गया.
'हाउस ऑफ लॉर्ड्स' में विधेयक के पक्ष में 274 और विरोध में 118 मत पड़े. अब इस ब्रेग्जिट विधेयक को 'हाउस ऑफ कॉमन्स' में दोबारा चुनौती नहीं दी जा सकती. 'हाउस ऑफ लॉर्ड्स' पहले ही इस बात पर सहमत था कि यूरोपीय संघ के नागरिकों के दर्जे के मुद्दे गारंटी को विधेयक में दोबारा शामिल नहीं किया जाएगा.
इससे पूर्व दो बार ब्रेग्जिट विधेयक को ब्रिटेन के उच्च सदन में खारिज कर दिया गया.
'हाउस ऑफ कॉमन्स' ने पूर्व में 'हाउस ऑफ लॉर्ड्स' के संशोधनों को 335-287 मतों के अंतर से खारिज कर दिया. उसके बाद ब्रेग्जिट विधेयक के समझौते पर संसद में अर्थपूर्ण मतदान कराए जाने के आह्वान को भी 331-286 मतों के अंतर से खारिज कर दिया गया.
नागरिकों के निवास अधिकारों से जुड़े मुद्दे नामंजूर किए जाने के बाद विधेयक पारित कर दिया गया.
विधेयक को कानून बनाने हेतु अब महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से शाही मंजूरी मिलने की संभावना है. विधेयक को शाही मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा.
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय लिस्बन संधि के अनुच्छेद 50 को किसी भी समय सैद्धांतिक तौर पर लागू कर सकती हैं.
ब्रेग्जिट विधेयक के बारे में-
- ब्रेग्जिट विधेयक यूनाइटेड किंगडम की प्रधानमंत्री और कंजर्वेटिव पार्टी की नेता थेरेसा मे को ब्रिटेन के यूरोपीय संघ छोडऩे के इरादे को अधिसूचित करने का अधिकार देता है और ब्रेग्जिट की आधिकारिक वार्ताएं शुरू करने का मार्ग भी प्रशस्त करता है.
- ब्रेग्जिट विधेयक में संशोधन ब्रिटेन द्वारा यूरोपीय संघ को छोड़े जाने के बाद संघ के नागरिकों को ब्रिटेन में अधिकार देने की गारंटी देने हेतु था.
- ब्रिटेन की संसदीय वेबसाइट के अनुसार, हाउस ऑफ लॉड्र्स में ब्रेग्जिट विधेयक को लेकर मतदान वर्ष 1831 के बाद उच्चतम रहा.
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