विदेश मंत्रालय द्वारा 23 जून 2017 को पासपोर्ट बनाने में एक नए संशोधन की घोषणा की गयी. संशोधन के अनुसार पासपोर्ट अब हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रकाशित होगा. पासपोर्ट आवेदन के शुल्क में भी 10 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की गयी.
इस संशोधन के तहत जहां पहले पासपोर्ट केवल अंग्रेजी भाषा में छपता था वहीं अब यह मातृभाषा हिंदी में भी प्रकाशित होगा. हालांकि पासपोर्ट के आवेदन फीस में 10 प्रतिशत की कटौती का लाभ 08 वर्ष से कम और 60 वर्ष ज्यादा आयु वर्ग के लोगों को होगा.
इसके साथ ही जानकारी दी गयी कि अब पासपोर्ट में संबंधित व्यक्ति की जानकारी केवल अंग्रेजी में नहीं दर्ज होगी. अर्थात् पासपोर्ट में अंग्रेजी के साथ हिंदी भाषा में भी जानकारी दर्ज की जाएगी.
विदेश और संचार मंत्रालय के साझा सहयोग से पासपोर्ट अधिनियम, 1967 के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, संचार राज्य मंत्री मनोज सिंह, विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह और एमजे अकबर शामिल हुए.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अनुसार उनके विदेश मंत्रालय का पद संभालने के वक्त देश में 75 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे जिसमें बढ़ोत्तरी की गयी. संचार मंत्रालय के सहयोग से डाक सेवा केंद्र से पासपोर्ट जारी करने की योजना शुरु की गयी.
यह भी जानकारी दी गयी की डाक विभाग और पासपोर्ट विभाग मिलकर देश भर में 235 केंद्र खोलने जा रहा है. मंत्रालय का उद्देश्य है कि प्रत्येक 50 किमी. के दायरे में एक पासपोर्ट सेवा केंद्र उपलब्ध हो.
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