हाल ही में मोदी सरकार से कई पुराने मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई है और कई नेताओं का प्रमोशन किया गया है. इस बीच 14 जुलाई 2021 को भाजपा की तरफ से कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल को बड़ी जिम्मेदारी दी गई. मानसून सत्र से ठीक पहले उन्हें राज्यसभा में सदन का नेता बनाया गया है.
बीजेपी ने पीयूष गोयल को राज्यसभा में अपना नेता चुना है. सदन में नेता का पद सत्ताझारी पार्टी के लिये बहुत महत्वपूर्ण होता है. विपक्ष के सभी सियासी प्रहारों का जवाब देना और उसके सवालों का सामना करने की जिम्मेदारी सदन के नेता की ही होती है. पटल पर सदन का नेता ही अपने सांसदों का नेतृत्व करता है.
पीयूष गोयल से पहले थावरचंद गहलोत ये जिम्मेदारी निभा रहे थे. थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाए जाने के बाद से राज्यसभा में बीजेपी का यह पद खाली था. राज्यसभा में पीयूष गोयल की सीट पीएम मोदी के साथ होगी. पीयूष गोयल साल 2010 से राज्यसभा सांसद हैं.
संसद का मॉनसून सेशन सत्र
पीयूष गोयल को यह अहम जिम्मेदारी 19 जुलाई से शुरू हो रहे संसद सत्र के कुछ दिनों पहले ही मिली है. संसद का मॉनसून सेशन 19 जुलाई से 13 अगस्त तक चलेगा. गौरतलब है कि संसद का मॉनसून सेशन कुल 26 दिनों तक चलेगा, लेकिन छुट्टियों को हटा दें तो 19 दिन ही काम होगा.
पीयूष गोयल: एक नजर में
वर्ष 2014 में मंत्री बनने से पहले पीयूष गोयल पार्टी के कोषाध्यक्ष थे. वे भाजपा की चुनाव प्रबंधन गतिविधियों में भी शामिल रहे हैं.
वर्तमान में पीयूष गोयल के पास कपड़ा मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग और उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय है. मोदी कैबिनेट में उनके पास सबसे ज्यादा मंत्रालय हैं.
पीयूष गोयल मोदी सरकार के उन मंत्रियों में शामिल हैं जो प्रधानमंत्री के सबसे करीबी और विश्वसनीय माने जाते हैं. उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए शानदार काम किया है.
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