प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 अप्रैल 2018 को दिल्ली के अलीपुर में डॉ. अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक का उद्घाटन किया. बाबा साहेब अम्बेडकर की शिक्षाओं पर अमल करते हुए सरकार हर योजना में सामाजिक न्याय और समानता का अधिकार देने के लिए कृत संकल्प है.
यह स्मारक भारत के संविधान निर्माता डॉ. अम्बेडकर के जीवन और उनके योगदान को समर्पित है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 मार्च 2016 को इसकी आधारशिला रखी थी. यह स्मारक एक असाधारण व्यक्ति के असाधारण जीवन का प्रतीक है
डॉ. अम्बेवडकर राष्ट्रीहय स्मारक:
• 100 करोड़ रुपए की लागत से संविधान पुस्तक की आकृति में बना ये स्मारक है आधुनिक और बौद्ध शिल्पकारी की अद्भुत मिसाल है.
• इस म्यूजियम में अंबेडकर को 3-डी में तीन जगह लाइव सुन सकेंगे.
• इसमें डॉ. अंबेडकर की असली आवाज की मिक्सिंग की गई है.
• इसके अलावा, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में क्लास के लिए आते-जाते उनका 3डी मूवमेंट भी दिखाई देगा.
• स्मारक के अंदर कई डिजिटल स्क्रीन लगाई गईं हैं जिस पर लोग संविधान की पूरी किताब पढ़ सकते हैं. टच बटन दबाते ही इसका हर पन्ना पलटता जाएगा.
• इस स्मारक के अंदर संगीतमय फव्वारे, अशोक स्तम्भ, बाबा साहेब की 12 फ़ीट ऊँची कांसे की मूर्ति और दो तोरण द्धार भी बनाये गए है.
• स्मारक के अंदर का ये हिस्सा पूरी तरह से वातानुकूलित है.
• इसमें उन तमाम सामाजिक आन्दोलनों को दिखाया गया है जो बाबा साहेब के जरिये चलाये गए थे.
• ईमारत की निचली मंजिल पर बाबा साहेब के जीवन संघर्ध को प्रदर्शित करने के साथ साथ एक मैडिटेशन हॉल भी है जिसमे महात्मा बुद्ध की मूर्ति को विएतनाम से लाये गए मार्बल से बनाया गया है.
डॉ. भीम राव अम्बेमडकर के बारे में:
• भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीम राव अम्बेडकर का जन्म मध्य प्रदेश में मऊ में 14 अप्रैल 1891 को हुआ था.
• भीम राव अम्बेडकर बाबासाहब के नाम से लोकप्रिय, भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक थे.
• वे स्वमतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री थे.
• उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की.
• उन्होंने विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के शोध कार्य में ख्याति प्राप्त की.
• उन्हें वर्ष 1990 में भारत रत्न (भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान) से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था.
• डॉ. अम्बेडकर सिर्फ दलित श्रमिकों के ही नहीं, बल्कि सभी मेहनतकशों के भी मसीहा थे.
पृष्ठभूमि:
डॉ. अम्बेडकर की स्मृ्ति में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2 दिसम्बंर 2003 को महापरिनिर्वाण स्थमल राष्ट्र को समर्पित किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ बनाने का एलान किया था जिनमे से महू स्थित उनका जन्म स्थल, ब्रिटेन में अध्येयन के दौरान उनका निवास, नागपुर में दीक्षा भूमि, मुम्बसई में चैतन्य भूमि और दिल्लीे का ये महापरिनिर्वाण स्थल है जो अब डॉ अम्बेडकर राष्ट्रीय स्मारक के नाम से जाना जायेगा.
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