प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस संग्रहालय का उद्घाटन किया

Jan 23, 2019, 17:40 IST

इस संग्रहालय में नेताजी द्वारा इस्तेमाल की गई लकड़ी की कुर्सी और तलवार रखे गये हैं. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सुभाष चंद्र बोस के पोते भी मौजूद थे.

PM Modi inaugurates museum on Subhash Chandra Bose at Red Fort
PM Modi inaugurates museum on Subhash Chandra Bose at Red Fort

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 122वीं जयंती के अवसर पर 23 जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्ली में लालकिले में सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय का उद्घाटन किया. इस संग्रहालय में सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज से जुड़ीं चीजों को प्रदर्शित किया गया है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सुभाष चंद्र बोस के पोते भी मौजूद थे.

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने याद-ए-जलियां संग्रहालय (जलियांवाला बाग और प्रथम विश्वयुद्ध पर संग्रहालय) और 1857 (प्रथम स्वतंत्रता संग्राम) पर संग्रहालय और भारतीय कला पर दृश्यकला संग्रहालय का भी उद्घाटन किया.

 

 

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस संग्रहालय

  • इस संग्रहालय में नेताजी द्वारा इस्तेमाल की गई लकड़ी की कुर्सी और तलवार रखे गये हैं.
  • इसके अतिरिक्त भारतीय हिन्द फ़ौज आईएनए से संबंधित पदक, बैज, वर्दी और अन्य वस्तुएं शामिल हैं.
  • नेताजी द्वारा बनाई गई आज़ाद हिन्द फ़ौज (आईएनए) के खिलाफ जो मुकदमा दर्ज किया गया था, उसकी सुनवाई लालकिले में ही हुई थी यही कारण है कि यहां पर संग्रहालय बनाया गया है.
  • यह तीन मंजिला संग्रहालय है जिसमें उनके स्कूली दिनों से शुरुआत की गई है.
  • इसके बाद उन्हें स्वामी विवेकानंद और श्री अरबिंदो का उन पर प्रभाव दर्शाया गया है.
  • इसके उपरांत, कांग्रेस के साथ बिताये गये समय, उनका आज़ादी में योगदान, आज़ाद हिन्द फौद का निर्माण तथा दूसरे देशों में रहने वाले लोगों को आज़ाद हिन्द फौज के साथ जोड़ने के उनके प्रयासों को दर्शाया गया है.
  • संग्रहालय में आने वाले लोगों को बेहतरीन अनुभव प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें फोटो, पेंटिंग, अखबार की क्लिपिंग, प्राचीन रिकार्ड, ऑडियो-वीडियो क्लिप, एनिमेशन व मल्टीमीडिया की सुविधा होगी.


पृष्ठभूमि

कुछ समय पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजाद हिंद फौज द्वारा अंडमान निकोबार में फहराए गए तिरंगे के 75 साल पूरे होने पर वहां का दौरा किया था. इस दौरान प्रधानमंत्री ने तीन द्वीपों का नाम सुभाष चंद्र बोस के नाम पर करने की घोषणा की थी. अंडमान में मौजूद हैवलॉक द्वीप का नाम स्वराज द्वीप, नील द्वीप का शहीद द्वीप और रॉस द्वीप को नेताजी सुभाष चंद्र द्वीप के नाम से जाना जाएगा.

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से जुड़े रोचक तथ्य

 

•    नेताजी ने आजादी की लड़ाई में शामिल होने के लिए भारतीय सिविल सेवा की नौकरी छोड़ दी थी.

•    नेताजी के कॉलेज के दिनों में एक अंग्रेजी शिक्षक के भारतीयों को लेकर आपत्तिजनक बयान पर उन्होंने खासा विरोध किया, जिसकी वजह से उन्हें कॉलेज से निकाल दिया गया था.

•    1921 से 1941 के बीच नेताजी को भारत के अलग-अलग जेलों में 11 बार कैद में रखा गया. 1941 में उन्हें एक घर में नजरबंद करके रखा गया था, जहां से वे भाग निकले. नेताजी कोलकाता से गोमो होते हुए ट्रेन से पेशावर पहुंचे. यहां से वह काबुल और फिर जर्मनी रवाना हुए जहां उनकी मुलाकात अडॉल्फ हिटलर से हुई.

•    1943 में बर्लिन में रहते हुए नेताजी ने आजाद हिंद रेडियो और फ्री इंडिया सेंटर की स्थापना की थी.

•    कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद नेताजी ने 1939 में फॉरवर्ड ब्लॉक नामक संगठन का गठन किया था.

•    सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु आज भी रहस्य बनी हुई है. कुछ लोगों का मानना है कि विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हुई थी जबकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News