IDF World Dairy Summit 2022: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट में विश्व डेयरी सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया है. यह सम्मेलन आज से शुरू होकर 15 सितम्बर तक चलेगा. विश्व डेयरी सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय और भारतीय डेयरी उद्योग से जुड़े उद्यमी,किसान,नीति निर्माता और विशेषज्ञ सहित लगभग 50 देशों के 1500 से अधिक लोग शिरकत कर रहे है. केंद्रीय डेयरी, मत्स्य और पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने बताया कि इससे दुग्ध उत्पादकों को अत्यधिक लाभ होगा.
Speaking at inauguration of International Dairy Federation World Dairy Summit 2022 in Greater Noida. https://t.co/yGqQ2HNMU4
— Narendra Modi (@narendramodi) September 12, 2022
इस सम्मलेन के आयोजन के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया. साथ ही मुख्यमंत्री ने ग्रेटर नोएडा पहुंचने पर जेवर में निर्माणाधीन नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का भी निरीक्षण किया और सम्बंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की है.
सम्मेलन का विषय:
इस सम्मलेन का विषय 'पोषण और आजीविका के लिए डेयरी' (Dairy for Nutrition and Livelihood) पर आधारित है. सम्मलेन में डेयरी उद्द्योग की मदद से लोगों के लिए अधिक आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने सम्बंधित उपायों पर विचार किया जायेगा. साथ ही पोषण से जुड़े विषयों पर भी ध्यान केन्द्रित किया जायेगा. इस सम्मेलन का आयोजन इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट ग्रेटर नोएडा में किया जा रहा है.
इससे पहले 1974 में आयोजित हुआ था ऐसा सम्मेलन:
विश्व डेयरी सम्बंधित सम्मेलन बहुत दिनों बाद आयोजित किया जा रहा है. भारत में इससे पूर्व वर्ष 1974 में इस तरह का सम्मेलन आयोजित किया गया था. अब यह लगभग आधी सदी या 48 वर्षों बाद आयोजित किया जा रहा है. भारत में इस प्रकार का यह दूसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है.
सम्मेलन का उद्देश्य:
इस सम्मलेन का उद्देश्य भारत में दुग्द उत्पादन सम्बंधित क्रियाकलापों और इसकी बेहतरी के नए उपायों के बारें में चर्चा करना है. साथ ही भारतीय डेयरी उद्योग की सफलता के बारे में विश्व जगत को अवगत कराना है. इस आयोजन का एक उद्देश्य यह भी है कि विश्व के अग्रणी दुग्ध उत्पादक देशों से डेयरी उद्योग के और बेहतर विकास के उपायों को सिखा जा सके.
विश्व डेयरी सम्मेलन 2022 के मुख्य आकर्षण:
- सहकारी मॉडल: यह सम्मलेन इस मायने में अद्वितीय है कि यह एक सहकारी मॉडल पर आधारित है. जो छोटे और सीमांत डेयरी किसानों को सशक्त बनाएगा. साथ ही इस क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को भी सशक्त बनाएगा.
- भारतीय डेयरी उद्योग की सफलता: इस कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय डेयरी उद्योग की सफलता के बारे में भी विश्व जगत को अवगत कराया जायेगा. यही कारण है कि भारत आज वैश्विक दुग्ध जगत में 23 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है.
- पीएम मोदी का विजन: प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी सोच और प्रयासों से सरकार ने डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाएं है. जिसके परिणाम स्वरुप पिछले 8 वर्षों में दूध उत्पादन में 44 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है. इस सम्मलेन में इन उपलब्धियों पर भी चर्चा की जाएगी, जो आगे डेयरी जगत को मदद कर सके.
- 210 मिलियन टन दूध का उत्पादन: एक वर्ष में भारत में लगभग 210 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता है. जिसका प्रभाव 8 करोड़ डेयरी किसानों को सशक्त बना रहा है. अतः इस सम्मेलन की मदद से भारतीय डेयरी किसानों को दुग्ध उत्पादन की विश्व की सर्वोत्तम प्रथाओं के बारें में जानकारी का एक बेहतर अवसर प्राप्त होगा.
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