Digital Health ID card: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की. इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी मौजूद रहे. वहीं इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने जनता को भी संबोधित किया और इस मिशन के बारे में जानकारी दी.
यह तारीख देश में आयुष्मान योजना की तीसरी वर्षगांठ भी है. नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत शुरू में एक लाख से ज्यादा यूनिक हेल्थ आईडी कार्ड लॉन्च किया गया है. आधार कार्ड की तरह अब जल्द देश में हर भारतीय को डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड (digital health ID card) भी मौजूद होगा. इस आईडी में संबंधित व्यक्ति की सारी मेडिकल हिस्ट्री का डेटा मौजूद रहेगा.
Speaking at the launch of Ayushman Bharat Digital Mission. https://t.co/OjfHVbQdT7
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2021
नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन क्या है?
नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन (National Digital Health Mission) के तहत देश के डिजिटल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को इंटीग्रेट किया जाएगा. इस योजना के तहत सरकार देश के हेल्थ सिस्टम में बड़े पैमाने पर बदलाव लाने की तैयारी है. इसका उद्देश्य हेल्थकेयर इकोसिस्टम के अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स के बीच की दूरियों को डिजिटल हाइवे के जरिए पाटना है. हेल्थ आईडी कार्ड भी नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का एक हिस्सा है.
डिजिटल हेल्थ आईडी
इस डिजिटल हेल्थ आईडी में मरीज का नाम, पता, स्वास्थ्य संबंधी हर तरह की तकलीफ, जांच रिपोर्ट, दवा, एडमिशन, डिस्चार्ज और डॉक्टर से जुड़ी सभी जानकारी मौजूद रहेगी. हेल्थ आईडी के जरिए मरीज की पूरी मेडिकल हिस्ट्री को जाना जा सकता है. डॉक्टर कंप्यूटर पर लॉगिन कर आसानी से मरीज की पूरी हेल्थ हिस्ट्री कहीं भी एक्सेस कर सकेंगे.
14-अंक की आईडी संख्या
हेल्थ आईडी कार्ड मिशन के तहत प्रत्येक भारतीय को एक खास 14-अंक की आईडी संख्या मिलेगी जो कि पूरे भारत में कहीं भी काम करेगी. इसमें प्रत्येक व्यक्ति का पूरा मेडिकल डेटा होगा और इससे अस्पताल, क्लीनिक और डॉक्टर्स को एक सेंट्रल सर्वर से लिंक के जरिए जोड़ा जाएगा. यानी आप देश के किसी भी कोने में रहें और कहीं पर भी जा कर बिना असुविधा के अपना आगे का इलाज करवा सकते हैं. इसके लिए इसमें अस्पताल, क्लीनिक और डॉक्टर भी रजिस्टर होंगे.
हेल्थ आईडी कार्ड के फायदे
हेल्थ आईडी कार्ड का सबसे बड़ा फायदा ये है कि आपको अब इलाज करवाने के लिए जगह-जगह रिपोर्ट्स और पर्चियों के साथ नहीं घूमना पड़ेगा. इस आईडी का उपयोग वन-स्टॉप एक्सेस के रूप में किया जाएगा, जिसके माध्यम से आप अपने सभी स्वास्थ्य रिकॉर्ड अपने किसी भी डॉक्टर और स्वास्थ्य केंद्र को प्रदान कर सकते हैं. इस आईडी कार्ड से आपको किसी भी बीमारी और कहीं भी इलाज करवाने में आसानी होगी.
प्रोजेक्ट की टेस्टिंग पूरी
केंद्र सरकार ने पीएम-डीएचएम योजना के पायलट प्रोजेक्ट की टेस्टिंग पूरी कर ली है. अंडमान और निकोबार, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में इस योजना की टेस्टिंग की गई है. पीएम-डीएचएम योजना के तहत तीन प्लेटफ़ॉर्म को शुरू किया जा चुका है. इनमें हेल्थ आईडी, डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन और स्वास्थ्य सुविधाओं से संबंधित रजिस्ट्रेशन शामिल है.
पायलट परियोजना की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान की पायलट परियोजना की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक वर्तमान में इस योजना को छह केंद्र शासित प्रदेशों में प्रारंभिक चरण में लागू किया जा रहा है.
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