First India-Central Asia Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जनवरी 2022 को डिजिटल माध्यम से पहली भारत-मध्य एशिया शिखर बैठक की मेजबानी करेंगे. विदेश मंत्रालय ने 19 जनवरी 2022 को इसकी घोषणा की. विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार, इस शिखर बैठक में कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति भाग लेंगे.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पहली भारत-मध्य एशिया शिखर बैठक मध्य एशियाई देशों के साथ भारत के बढ़ते संपर्क को प्रतिबिंबित करती है. विदेश मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि यह भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच नेताओं के स्तर पर अपनी तरह का पहला जुड़ाव होगा.
Prime Minister Narendra Modi will host the first meeting of the India-Central Asia Summit, with the participation of the Presidents of Kazakhstan, Kyrgyz Republic, Tajikistan, Turkmenistan and Uzbekistan, in a virtual format on 27 January: MEA pic.twitter.com/NTZmb3zV68
— ANI (@ANI) January 19, 2022
पहला ऐतिहासिक दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2015 में मध्य एशियाई देशों का पहला ऐतिहासिक दौरा किया था. इसके बाद द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर संवाद होता रहा है. बयान के मुताबिक, पिछले साल 18 से 21 दिसंबर को विदेश मंत्रियों के स्तर पर भारत-मध्य एशिया संवाद का आयोजन नयी दिल्ली में हुआ जिससे भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच संबंधों को गति मिली.
अफगानिस्तान पर एक सामान्य क्षेत्रीय दृष्टिकोण
इस बैठक ने भारत-मध्य एशिया संबंधों को गति प्रदान की है. इसके पहले 10 नवंबर, 2021 को नई दिल्ली में अफगानिस्तान पर आयोजित क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सचिवों ने भागीदारी की थी. इसमें अफगानिस्तान पर एक सामान्य क्षेत्रीय दृष्टिकोण पर चर्चा हुई थी.
क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति
मंत्रालय ने कहा कि पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान भारत-मध्य एशिया संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के कदमों पर चर्चा होने की उम्मीद है. उनके साथ अन्य क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, विशेष रूप से उभरती क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति पर भी विचारों का आदान-प्रदान की संभावना है.
भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन
भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन भारत और मध्य एशियाई देशों के नेताओं द्वारा भारत और मध्य एशिया के बीच एक स्थायी और व्यापक साझेदारी से जुड़े महत्व का भी प्रतीक है. बयान में कहा गया है कि यह शिखर सम्मेलन भारत एवं मध्य एशियाई देशों के नेताओं द्वारा व्यापक और स्थायी साझेदारी को दिए गए महत्व का प्रतीक है.
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