प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी "प्रधानमंत्री गति शक्ति" नाम के पहले राष्ट्रीय अवसंरचना मास्टरप्लान को लॉन्च करने वाले हैं. इस मास्टरप्लान का शुभारंभ प्रधानमंत्री मोदी 13 अक्टूबर 2021 को करेंगे.
'प्रधानमंत्री गति शक्ति' मास्टरप्लान की प्रमुख विशेषताएं
- इस गति शक्ति योजना की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस, 2021 के अवसर पर की थी.
- यह मास्टरप्लान 16 मंत्रालयों और सात प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों को एक ही मंच पर लाएगा ताकि दोहराव से बचने, खामियों को दूर करने और सही समय पर मंजूरी देने में तेजी लाने के लिए सभी हितधारक मंत्रालयों के बीच विभिन्न परियोजना योजनाओं को समन्वित किया जा सके.
गति शक्ति प्लेटफार्म के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी
देश में तुरंत सूचना प्रदान करने के लिए इस गति शक्ति प्लेटफॉर्म की शुरुआत की गई. यह मंत्रालयों के बीच बेहतर समन्वय की अनुमति देगा. यह गति शक्ति योजना तीन बुनियादी लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी,
- माल और लोगों की आसान आवाजाही की सुविधा के लिए निर्बाध मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी.
- बेहतर प्राथमिकता, संसाधनों का इष्टतम उपयोग, समय पर क्षमताओं का निर्माण, और
- असंबद्ध योजना, मानकीकरण और मंजूरी जैसे मुद्दों का समाधान.
प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान का उद्देश्य
- यह मास्टर प्लान 'राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन कार्यक्रम' के लिए एक रूपरेखा प्रदान करेगा.
- इस योजना का उद्देश्य भारतीय उत्पादों की रसद लागत को कम करके और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करके उन्हें और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाना है. इसका उद्देश्य समग्र बुनियादी ढांचे की नींव और अर्थव्यवस्था के लिए एक एकीकृत मार्ग प्रदान करना है.
- यह भारत के स्थानीय निर्माताओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा.
- इसके अलावा एक सौ लाख करोड़ रुपये से अधिक की यह योजना युवाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध करवायेगी.
- यह भारत में बुनियादी ढांचे में सुधार करने के लिए दुनिया भर से निवेश आकर्षित करना चाहता है ताकि भारत में समग्र बुनियादी ढांचे के विकास के लिए नई दिशा और नई गति प्रदान की जा सके.
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना का महत्व
यह एक निर्बाध मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्लेटफॉर्म है और यह माल और लोगों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करेगा ताकि रोज़मर्रा के जीवन में आसानी के साथ-साथ व्यापार करने में आसानी को बढ़ाया जा सके.
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