विदेश मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम रायसीना डॉयलॉग का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 जनवरी 2017 को उद्घाटन किया. इस वर्ष का विषय था, “नवीन सामान्य: एक बहुध्रुवीय विश्व में बहुपक्षवाद”. इस भौगोलिक-राजनैतिक सम्मेलन में 65 देशों के 250 प्रतिनिधि भाग लिया.
विदेश सचिव के संबोधन के मुख्य बिंदु
• विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि सार्क देशों के गठबंधन में एक देश के कारण पूरा गठबंधन असुरक्षित महसूस करता है.
• उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में भारत और रूस के मध्य संबंध पहले की अपेक्षा और मजबूत हुए हैं.
• विदेश सचिव ने कहा कि वे अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एवं उनकी टीम से लगातार संपर्क में हैं तथा बेहतर संबंधों की कल्पना करते हैं.
• वर्ष 2008 से अब तक भारत ने अमेरिका में तकनीक और व्यापार के क्षेत्र में अभूतपूर्व तरीके से निवेश किया है.
• विदेश सचिव एस जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान के मध्य बनाए जा रहे इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि भारत को इस परियोजना पर ऐतराज है. गौरतलब है कि सीपीईसी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है.
रायसीना डायलॉग
रायसीना डायलॉग का पहला कार्यक्रम 1 मार्च से 3 मार्च 2016 के मध्य आयोजित किया गया था. इस दौरान कार्यक्रम में 35 देशों के 100 से अधिक प्रतिनिधि इसमें भाग ले रहे थे. यह कार्यक्रम विदेश मंत्रालय और आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) सयुंक्त रूप से कराया जाता है. कार्यक्रम में भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र के मुद्दों पर चर्चा होती है.
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