प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेह, जम्मू एवं श्रीनगर की अपनी एक दिवसीय यात्रा के पहले चरण में 03 फरवरी 2019 को लद्दाख पहुंचे. लद्दाख में प्रधानमंत्री मोदी ने 44,000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने लद्दाख विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया और कहा, “युवा छात्र लद्दाख की आबादी के 40% हिस्सा हैं. इस क्षेत्र में विश्वविद्यालय की लंबे समय से मांग रही है.” यह विश्वविद्यालय लेह, कारगिल, नुब्रा, ज़ांस्कर और द्रास के डिग्री महाविद्यालयों से निर्मित एक क्लस्टर विश्वविद्यालय होगा और छात्रों की सुविधा के लिए लेह और कारगिल में प्रशासनिक कार्यालय होंगे.
प्रधनामंत्री मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर में आरंभ परियोजनाएं |
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श्रीनगर - अलस्टेंग - द्रास- कारगिल - लेह ट्रांसमिशन लाइन के बारे में:
लगभग 3000-4000 मीटर की ऊंचाई पर निर्मित, लगभग 335 किमी लंबी इस ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण पावरग्रिड द्वारा किया गया है. इस परियोजना में द्रास, कारगिल, खलस्ती और लेह में निर्मित चार नए अत्याधुनिक 220/66 केवी गैस इंसुलेटेड सब-स्टेशन हर वक्त 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली सुनिश्चित करने में मदद करेंगे. वित्त पोषण प्रावधान 95:05 (भारत सरकार के 95% और 5% जम्मू और कश्मीर राज्य के हिस्से) के अनुपात में हैं.
क्षेत्र के लिए लाभ
इस परियोजना के कार्यान्वयन का उद्देश्य लद्दाख में कठोर सर्दियों में लद्दाख के लोगों को बिजली की आपूर्ति करना और ग्रीष्मकाल में एनएचपीसी के कारगिल और लेह हाइडल स्टेशनों की अधिशेष बिजली की निकासी करना था. यह पीएमआरपी योजना के तहत भारत सरकार की एक प्रमुख परियोजना है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय ग्रिड से जुड़कर जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता और गुणवत्ता में सुधार करना था.
यह न केवल ग्रीष्मकाल में बिजली निकासी करने में मदद करेगा, बल्कि इस क्षेत्र में सर्दियों में, जब तापमान में गिरावट और हाइड्रो बिजली उत्पादन समरूप नही रहते हैं, बिजली की आपूर्ति करेगा. यह परियोजना किफायती दरों पर लद्दाख क्षेत्र की बिजली की मांग पूरा करेगी.
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