प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेन्स के जरिए 18 जून 2020 को 41 कोयला ब्लॉक की नीलामी के लिए प्रक्रिया की शुरुआत की. सरकार के इस कदम से देश का कोयला क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुल जाएगा. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में खनन क्षेत्र में आत्म-निर्भरता हासिल करने के अपने दृष्टिकोण को रखा. साथ ही उन्होंने कहा कि 130 करोड़ भारतवासियों का संकल्प है कि हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना ही है.
प्रधानमंत्री ने इस दौरान फिर से आपदा को अवसर में बदलने की बात दोहराई. प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक आज भारत के उद्योग जगत, व्यापारी जगत, सर्विस सेक्टर लीड करने वाले लोगों के लिए इतिहास को बदलने का मौका आया है. उन्होंने कहा कि हमें इस अवसर को छोड़ना नहीं चाहिए.
आत्मनिर्भर भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत कोरोना से लड़ेगा भी और आगे भी बढ़ेगा. इसके साथ ही भारत इस बड़ी आपदा को अवसर में बदलेगा. उन्होंने कहा कि कोरोना के इस संकट ने भारत को आत्मनिर्भर भारत होने का सबक दिया है. आत्मनिर्भर भारत यानि भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा. आत्मनिर्भर भारत अर्थात भारत आयात पर खर्च होने वाले लाखों करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचाएगा.
उद्देश्य
प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक साल 2030 तक लगभग 100 मिलियन टन कोयले को गैसीफाई करने का लक्ष्य रखा गया है. केंद्र ने पहले ही चार परियोजनाओं की पहचान कर ली है और उनमें लगभग 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किये जायेंगे.
We have set a target to gasify around 100 million tonnes of coal by 2030. I have been told that 4 projects have been identified for this and about 20 thousand crores will be invested in them: PM Narendra Modi pic.twitter.com/UtZ4jzBTS9
— ANI (@ANI) June 18, 2020
कोल रिजर्व में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो देश कोल रिजर्व के हिसाब से दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश हो, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक हो, वो देश कोल का निर्यात नहीं करता बल्कि वो देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला आयातक है.
बढ़ेगा रोजगार
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग रोजगार की तलाश में लगातार पलायन कर रहे हैं. कोल ब्लॉक्स के निर्माण से लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही साथ में सुविधाएं भी मिलेंगी जिससे बड़े शहरों में पलायन का सिलसिला थमेगा. देश में 16 जिले ऐसे हैं जहां कोयले के बड़े-बड़े भंडार हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मजबूत माइनिंग और मिनरल सेक्टर के बिना आत्मनिर्भर भारत संभव नहीं है, क्योंकि मिनरल्स और माइनिंग हमारी अर्थव्यवस्था के अहम आधार हैं.
कोयला मंत्रालय ने बताया कि इन खदानों की नीलामी से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से करीब 2.8 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. वहीं, इससे 70,000 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलने की संभावना है. मंत्रालय ने कहा कि यह नीलामी प्रक्रिया कोल सेक्टर को वाणिज्यिक खनन के लिये खोलने की शुरुआत है.
33,000 करोड़ रुपये का निवेश की उम्मीद
कोयला मंत्रालय के अनुसार इन कोयला ब्लाक की वाणज्यिक खनन में अगले पांच से सात साल में लगभग 33,000 करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है. ये ब्लाक राज्य सरकारों को सालाना 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व देंगे. खनन क्षेत्र बिजली, इस्पात, एल्युमीनियम, स्पांजी आयर जैसे कई बुनियादी उद्योगों के लिये कच्चे माल का मुख्य स्रोत है.
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