प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर को रोकना हमारी जिम्मेदारी है. पीएम ने कहा कि हमें कोरोना वायरस के हर वेरिएंट पर भी नज़र रखनी होगी. पीएम मोदी ने कहा कि ये सही है कि कोरोना की वजह से टूरिज्म, व्यापार-कारोबार बहुत प्रभावित हुआ है. लेकिन आज मैं बहुत जोर देकर कहूंगा कि हिल स्टेशंस में, मार्केट्स में बिना मास्क पहने, भारी भीड़ उमड़ना ठीक नहीं है.
प्रधानमंत्री मोदी ने 13 जुलाई 2021 को आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की और कोरोना वायरस के बदलते रूपों और उससे होने वाले खतरों को लेकर सचेत किया. इसके अतिरिक्त महामारी की संभावित तीसरी लहर से मुकाबले के लिए वैक्सीनेशन प्रक्रिया में तेजी लाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन’ अभियान से देश के पूर्वोत्तर राज्यों को मदद मिलेगी.
पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के साथ बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर पूर्वोत्तर के आठ राज्यों असम, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की और वहां के हालात का जायजा लिया.
बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें टेस्टिंग और ट्रीटमेंट से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करते हुए आगे चलना है. हाल ही में इसके लिए कैबिनेट ने 23,000 करोड़ रुपये का एक नए पैकेज को मंजूरी दी है. पूर्वोत्तर राज्यों में इस पैकेज से अपने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने में मदद मिलेगी.
कोरोना वायरस के वैरिएंट्स पर नज़र
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें कोरोना वायरस के वैरिएंट्स पर नज़र रखनी होगी. म्यूटेशन के बाद ये कितना जोखिम भरा हो सकता है इस बारे में विशेषज्ञों की राय और उनके अध्ययनों पर ध्यान देना होगा. ऐसे में एहतियात और उपचार आवश्यक है.
माइक्रो कंटेनमेंट क्षेत्र पर पूरा जोर
पीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हमें माइक्रो स्तर पर और सख्त कदम उठाने होंगे. इससे जिम्मेदारी तय हो सकती है. माइक्रो कंटेनमेंट क्षेत्र पर पूरा जोर हमें लगाना है. पिछले 1.5 साल में जो अनुभव हमें मिले हैं. हमें उसका पूरा इस्तेमाल करना होगा.
उन्होंने कहा कि पूरा देश और विशेष तौर पर हमारे हेल्थ वर्कर्स ने अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए गत डेढ़ वर्ष से लगातार परिश्रम किया है. पूर्वोत्तर की भौगोलिक चुनौतियों के बावजूद टेस्टिंग और ट्रीटमेंट से लेकर टीकाकरण का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है.
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