चेन्नई के आर. प्रागनानांधा भारत के पहले सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बन गये हैं. विश्व स्तर पर इस उपलब्धि के साथ वे दूसरे स्थान पर हैं.
प्रागनानांधा ने मात्र 12 वर्ष कु आयु में यह उपलब्धि हासिल की है. प्रागनानांधा ने इटली में चल रहे ग्रेंडाइन ओपन शतरंज टूर्नामेंट के फाइनल राउंड में पहुंच कर यह उपलब्धि हासिल की. अखिल भारतीय खेल परिषद के अध्यक्ष प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा ने प्रागनानांधा को इस शानदार उपलब्धि पर बधाई दी है.
प्रागनानांधा की आयु 12 वर्ष 10 महीने एवं 13 दिन है वे विश्व के नंबर वन यूक्रेन के सेर्गेय से थोड़े ही बड़े हैं और विश्व में दूसरे स्थान पर हैं.
प्रमुख तथ्य
• आर प्रागनानांधा ने वर्ष 2013 और 2015 में अंडर-8 और अंडर-10 बॉयज़ विश्व युवा चेस चैंपियनशिप का ख़िताब जीता.
• प्रागनानांधा के की बड़ी बहन आर. वैशाली (16 वर्षीय) भी शतरंज की खिलाड़ी हैं. उन्होंने अंडर-12 और अंडर 14 मैचों की युवा विश्व प्रतियोगिता भी जीती थी.
• ग्रैंडमास्टर बनने के लिए प्रागनानांधा ने नवम्बर 2017 में इटली में खेले गये वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में ख़िताब जीता.
• इसके बाद उन्होंने दूसरा मैच हेर्कलियोन फिशर मेमोरियल में अप्रैल 2018 में ख़िताब जीता.
• इसके बाद तीसरे मैच में वे चौथे ग्रेनडाइन ओपन में विजयी रहे.
विश्व के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर |
सेर्गेय कार्जाकिन (यूक्रेन): 12 वर्ष 7 महीने |
आर. प्रागनानांधा (भारत): 12 वर्ष 10 महीने 13 दिन |
परिमार्जन नेगी (भारत) 13 वर्ष, 4 महीने तथा 22 दिन |
मैगनस कार्लसन (नॉर्वे: 13 वर्ष 4 महीने और 27 दिन |
बू ज़िन्गज़ी (चीन): 13 वर्ष 10 महीने |
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