04 जनवरी, 2021 को जारी किए गए प्रांतीय परिणामों के अनुसार, मध्य अफ्रीकी गणराज्य (सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक) के राष्ट्रपति फॉस्टिन-आर्केंज टॉडेरा को 53% से अधिक वोटों के साथ फिर से चुना गया है.
ये चुनाव 27 दिसंबर, 2020 को हुए थे, और इनके बाद काफी हिंसा हुई थी क्योंकि ये चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले क्षेत्र के विद्रोही समूहों ने बंगासौ शहर पर कब्जा करने की कोशिश की थी.
ये 63 वर्षीय राष्ट्रपति टॉडेरा वर्ष, 2016 से सत्ता में हैं. इस देश का एक बड़ा हिस्सा सशस्त्र मिलिशिया के अधीन है, निर्वाचित राष्ट्रपति ने अपने क्षेत्र में नियंत्रण हासिल करने के लिए संघर्ष किया है. चुनावों के परिणामों को अभी भी आधिकारिक रूप से संवैधानिक अदालत द्वारा मान्य किया जाएगा, जो किसी भी अपील पर अपनी कारवाई करेगी.
सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, सेंट्रल अफ्रीका का एक ऐसा देश है जो सोने और हीरे का प्रमुख उत्पादक है और इस देश की कुल आबादी लगभग 4.7 मिलियन है.
सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में विद्रोही हमले
राष्ट्रपति टॉडेरा ने देश के पूर्व राष्ट्रपति फ्रेंकोइस बोज़ीज़ पर कई विद्रोही हमलों और चुनावी अशांति का आरोप लगाया है, जिनकी उम्मीदवारी देश की शीर्ष अदालत ने इस आधार पर खारिज कर दी थी कि, वे 'अच्छी नैतिकता' की आवश्यकता को पूरा करने में सक्षम नहीं थे.
वर्ष, 2013 में राष्ट्रपति बोज़ीज़ को सत्ता से बाहर किए जाने के बाद से देश में हिंसा की अनेक घटनाएं देखी जा रही हैं. इसके परिणामस्वरूप हजारों लोग मारे गए और लाखों लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गये हैं.
इस देश की चुनाव प्रक्रिया में व्यवधान डालने में उनकी भूमिका के लिए बोज़ीज़ के साथ-साथ उनके सहयोगियों के खिलाफ भी जांच शुरू की गई थी.
संयुक्त राष्ट्र में भी इस हिंसा के खिलाफ उठी आवाज़
देश के लिए संयुक्त राष्ट्र मिशन ने भी सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में हुई हिंसा के खिलाफ चर्चा की थी. संयुक्त राष्ट्र मिशन के प्रमुख, मेन्कैरियार नडेय ने इस हिंसा पर टिप्पणी करते हुए यह कहा था कि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि, चुनाव से पहले, चुनाव के दौरान और बाद में भी होने वाले ये हमले, इन चुनावों में व्यवधान पैदा करने के उद्देश्य से ही हुए हैं.
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