राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 10 अगस्त 2018 को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग विभाग द्वारा आयोजित पहले 'एक जनपद-एक उत्पाद' समिट का शुभारंभ किया. राष्ट्रपति ने इस मौके पर ‘नयी उड़ान, नयी पहचान‘ के मूल नारे वाली ओडीओपी योजना के 4084 लाभार्थियों को ऋण वितरित किये.
उत्तर प्रदेश के परंपरागत उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में नई पहचान दिलाने और दस्तकारों को उनके घर में ही रोजगार मुहैया कराने के मकसद से शुरू किए गए 'एक जनपद-एक उत्पाद' (ओडीओपी) योजना के जरिए प्रदेश की तस्वीर बदलने का महत्वाकांक्षी अभियान शुरू हो किया गया है.
उद्देश्य |
राज्य सरकार ने प्रत्येक वर्ष एक लाख लोगों को ओडीओपी योजना से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके जरिए सरकार प्रदेश के सभी 75 जिलों में खास पहचान रखने वाले उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए एक मंच देने की कोशिश कर रही है. |
लाभ
- ‘ई-मार्केटिंग’, ‘ज़ीरो डिफ़ेक्ट–ज़ीरो इफ़ेक्ट’ और पूंजी निवेश में सहायता के लिए, यहाँ उपस्थित संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ, समझौता ज्ञापन किए गए हैं, उनसे जिला स्तर पर, उत्पादकों के लिए, नए अवसर प्राप्त होंगे.
- ‘थिंक-ग्लोबल, ऐक्ट-लोकल’ की सोच के अनुसार, स्थानीय कौशल को प्रोत्साहन देकर, जनपदों के कई ऐसे उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार के लायक बनाया जा सकता है.
- उत्तर प्रदेश के कई जिलों के उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मांग है लेकिन ऐसे बहुत से जिले और उत्पाद हैं जिन्हे, इस योजना द्वारा समुचित प्रोत्साहन देकर, उनकी क्षमता का व्यावसायिक उपयोग किया जा सकता है.
- कई नए ब्रांड विकसित किए जा सकते हैं.
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