प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जून 2018 को दिल्ली के अकबर रोड में वाणिज्य भवन के नए कार्यालय परिसर की आधारशिला रखी.
इस नए कार्यायलय भवन का निर्माण इंडिया गेट के समीप 4.33 एकड़ के एक भूखंड पर किया जा रहा है.
इस इमारत में करीब 1,000 अधिकारियों और कर्मचारियों के बैठने की जगह होगी और यह पर्यावरण अनुकूल इमारत होगी. साथ ही यह डिजिटल प्रणाली और वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग जैसी सुविधाएं होंगी.
वाणिज्य भवन से संबंधित मुख्य तथ्य:
• निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह इमारत अत्याधुनिक, पर्यावरण अनुकूल होगा.
• इसके साथ ही इसके पूरे छत का प्रयोग सौर ऊर्जा पैदा करने और शून्य अपशिष्ट निवर्हन और सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने वाला होगा.
• भवन दिसंबर 2019 तक बनकर तैयार हो जाएगा. यह पूर्णरुप से पेपरलेस कार्यालय होगा.
• भवन का नक्शाु कुछ इस तरह से तैयार किया गया है, जिससे कि कम से कम पेड़ों को काटने की जरूरत पड़ेगी.
• इस भूखंड पर स्थित 214 पेड़ों में 56 प्रतिशत को जस का तस छोड़ा जायेगा या फिर उसी भूखंड पर दूसरी जगह लगाया जायेगा. लगभग 70 प्रतिशत बड़े पेड़ों को सुरक्षित रखा गया है.
• इसी भूखंड पर 230 नये पेड़ लगाये जा रहे हैं. अत: यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि नये भवन के निर्माण के बाद इस स्थ ल पर पेड़ों की संख्या बढ़ जाए.
• नया भवन न केवल भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत, बल्कि भारत में गवर्नेंस में अभिनव प्रौद्योगिकी अपनाने का भी प्रतीक होगा.
पृष्ठभूमि:
विभाग का कामकाज फिलहाल उद्योग भवन से होता है. यहां अन्य मंत्रालयों के दफ्तर भी है जिसके कारण जगह की कमी हो गई है.
वाणिज्या विभाग से संबद्ध एवं अधीनस्थत कार्यालय जैसे कि व्यांपार उपाय महानिदेशालय (डीजीटीआर) और सरकारी ई-मार्केटप्लेास (जेम) का कामकाज किराए पर परिसरों से संचालित किया जा रहा है.
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