Kartavya Path: सेंट्रल विस्टा पोजेक्ट के तहत बनाये जा रहे सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के अंतर्गत राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के मार्ग- कर्तव्य पथ का आज शाम पीएम मोदी उद्घाटन करेंगे. जो पहले राजपथ के नाम से जाना जाता था. अब यह कर्तव्य पथ हो गया है. अब यह नाम साधारण की भागीदारी और सशक्तिकरण का उदाहरण साबित होगा. इस पूरे मार्ग को सरकार की महत्वकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के अंतर्गत पुनर्निमित किया गया है.
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— PIB India (@PIB_India) September 8, 2022
PM @narendramodi to inaugurate #KartavyaPath and unveil the statue of Netaji Subhash Chandra Bose at India Gate
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क्यों बदला गया नाम?
नई दिल्ली में इंडिया गेट (India Gate) से राष्ट्रपति भवन (रायसीना हिल) तक के पथ को अब कर्तव्य पथ कहा जायेगा. ब्रिटिश काल में इस राजपथ को लन्दन में किंग्सवे की तर्ज पर 'किंग्सवे' कहा जाता था. आजादी के बाद इसका नाम बदलकर राजपथ कर दिया गया था. यह कदम अमृतकाल में प्रधानमंत्री मोदी के नए भारत की परिकल्पना के तहत लिए पांच प्रण में से दूसरे प्रण औपनिवेशिक मानसिकत से मुक्ति के अनुरूप है. जो भारत की आजादी के 100 वर्ष पुरे होने तक और प्रासंगिक हो जायेगा.
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा का अनावरण:
इस अवसर पर पीएम मोदी इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे. यह 28 फीट ऊंची ग्रेनाइट की प्रतिमा पूरी तरह हस्त निर्मित है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस वर्ष जनवरी में नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर यहीं पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया था.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के बारे में:
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट वर्ष 2019 में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के रूप में की गयी थी. इस प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट के आस-पास के क्षेत्र का पुनर्विकास किया जा रहा है. साथ ही इसके आस-पास नई इमारतों का निर्माण भी किया गया है. अब यह वीआईपी इलाका पूरी तरह से बदल गया है.
सेंट्रल विस्टा:
सेंट्रल विस्टा में राष्ट्रपति भवन, नार्थ और साउथ ब्लॉक, राष्ट्रीय अभिलेखागार और इंडिया गेट सहित उप राष्ट्रपति का आवास, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स, हैदराबाद हाउस, बीकानेर हाउस, जवाहर भवन आदि शामिल है. जिनका इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत पुनर्विकास किया गया है. यह पूरा क्षेत्र 2 किलोमीटर और 700 एकड़ में फैला है.
इसके इतिहास में जाए तो 1911 में किंग जॉर्ज पंचम ने भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की थी. उस दौरान किंग्सवे (स्वतंत्रता के बाद राजपथ) के आस-पास के क्षेत्र का विकास और भवन का निर्माण किया गया. इनका निर्माण एडविन लुटियंस (Edwin Lutyens) व हर्बर्ट बेकर (Herbert Baker) द्वारा किया गया था.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की लागत:
इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 20 हजार करोड़ रुपए है. इस पुनर्विकास परियोजना की आधारशिला 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रखी गयी थी. इस प्रोजेक्ट की घोषणा सितंबर 2019 में की गयी थी.
सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में क्या है खास?
- राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक कर्तव्य पथ की दोनों ओर खुबसूरत लॉन बनाये गए है, जो लगभग 101 एकड़ में फैला है.
- इस एवेन्यू के आसपास 74 बड़े लाइट के खंबे भी लगाये गए है जो इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देते है. साथ ही 900 नए लाइट पोल कर्तव्य पथ के आस-पास भी लगाये गए है.
- यहाँ सुन्दर घास के मैदान और वृक्षारोपण भी किया गया है, जो आगन्तुकों को अधिक आकर्षित करेंगे. साथ ही जलजमाव को रोकने के लिए स्टॉर्म वाटर ड्रेन की भी व्यवस्था की गयी है.
- कर्तव्य पथ के दोनों ओर पहले से बनी नहरों का भी कायाकल्प किया गया है. असके जल रिसाव को रोकने के लिए इसकी दीवारों को और मजबूत किया गया है.
- लाल ग्रेनाइट से इन दोनों नहरों पर कुल 16 पुल बनाये गए है. इन नहरों के समानांतर ग्रेनाइट पत्थरों के लगे मार्ग को भी विकसित किया गया है.
- सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में पैदल यात्रियों और आगन्तुकों के लिए खुबसूरत पैदल अंडर पास भी बनाये गए है. साथ ही सौन्दर्य प्रसाधन और पानी पीने की उत्तम व्यवस्था की गयी है.
- सेंट्रल विस्टा की नई सुविधाओं में आगंतुकों के लिए छह नए पार्किंग स्थल, आइसक्रीम और अन्य खाद्य विक्रेताओं के लिए एक फूड कोर्ट आदि शामिल है.
- अशोक स्तंभ की कांस्य प्रतिमा: इसी प्रोजेक्ट के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी वर्ष 11 जुलाई को नए संसद भवन की छत पर अशोक स्तंभ की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया था. जिसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है.
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