जानिए रामानुजन पुरस्कार के बारे में, जिसे हाल ही में भारतीय प्रोफेसर Neena Gupta को मिला
Ramanujan Prize 2021: प्रोफेसर नीना गुप्ता कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान में गणितज्ञ हैं. वे रामानुजन पुरस्कार प्राप्त करने वाली तीसरी महिला हैं.

Ramanujan Prize 2021: कोलकाता स्थित इंडियन स्टैटिस्टकल इंस्टीट्यूट (ISI) की प्रोफेसर नीना गुप्ता (Neena Gupta) को गणित के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक रामानुजम प्राइज फॉर यंग मैथमेटिशियन से सम्मानित किया गया है. प्रोफेसर नीना गुप्ता रामानुजन पुरस्कार (Ramanujan Prize 2021) प्राप्त करने वाली तीसरी महिला हैं.
मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के अनुसार, वह रामानुजम पुरस्कार (Ramanujan Prize) को जीतने वाले दुनिया की तीसरी महिला हैं. मंत्रालय के मुताबिक, नीना गुप्ता का नाम इतिहास में दर्ज किया जा चुका है क्योंकि यह पुरस्कार पाने वाली वह चौथी भारतीय और विश्व की तीसरी महिला है.
यह पुरस्कार क्यों प्रदान किया गया?
प्रोफेसर नीना गुप्ता कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान में गणितज्ञ हैं. उन्हें ‘एफाइन बीजीय ज्यामिति’ और ‘कम्यूटेटिव बीजगणित’ में उत्कृष्ट कार्य के लिये सम्मानित किया गया है.
नीना गुप्ता: पुरस्कार-सम्मान |
नीना गुप्ता को साल 2019 में शांति स्वरूप भटनागर प्राइज फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी से भी सम्मानित किया गया था. उन्हें साल 2014 में अलजेब्रिक जियोमेट्रो के फील्ड में Zariski cancellation problem को सॉल्व करने के लिए नेशलन साइंट अकेडमी की तरफ से उन्हें यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड से नवाजा गया था. |
रामानुजन पुरस्कार: एक नजर में
यह पुरस्कार हर साल विकासशील देशो में युवा गणितज्ञों को दिया जाता है, जो 45 वर्ष से कम आयु के हैं. यह पुरस्कार श्रीनिवास रामानुजन की स्मृति में प्रदान किया जाता है. इसे इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल फ़िज़िक्स (ICTP) रामानुजन पुरस्कार भी कहा जाता है. यह पुरस्कार इटली में स्थित अंतर्राष्ट्रीय सैद्धांतिक भौतिकी केंद्र द्वारा प्रस्तुत किया जाता है. इसके लिए फंड अल्बेल फंड के माध्यम से प्रदान किए जाते हैं. रामानुजन पुरस्कार वर्ष 2005 से प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय गणितीय संघ के बारे में
यह एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है. यह अंतरराष्ट्रीय गणितज्ञ कांग्रेस का एक सदस्य है. इस संघ का मुख्य उद्देश्य गणित और अन्य अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक बैठकों और सम्मेलनों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है.
जानें श्रीनिवास रामानुजन के बारे में
रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर, 1887 को इरोड गाँव में हुआ था. श्रीनिवास रामानुजन एक भारतीय गणितज्ञ थे. उन्होंने संख्या सिद्धांत, गणितीय विश्लेषण, अनंत श्रृंखला और निरंतर अंशों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उनके कार्यो को एक अंग्रेजी गणितज्ञ हार्डी द्वारा पहचाना गया. हार्डी ने साल 1913 में रामानुजन को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में आमंत्रित किया. हालांकि, साल 1919 में, हेपेटिक अमीबासिस ने रामानुजन को भारत लौटने के लिए मजबूर किया. बाद में, वे तपेदिक से पीड़ित हुए. भारत लौटने के बाद लंबी बीमारी के कारण 26 अप्रैल, 1920 को मात्र 32 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया.
यह भी पढ़ें: Elon Musk को Time magazine ने पर्सन आफ द ईयर घोषित किया, जानें विस्तार से
यह भी पढ़ें: जानें कौन हैं भारत की हरनाज कौर संधू, जो 21 साल की उम्र में बनीं Miss Universe
Take Weekly Tests on app for exam prep and compete with others. Download Current Affairs and GK app
एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप
AndroidIOS