पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने 04 जुलाई 2018 को पुलिसकर्मियों सहित सभी सरकारी कर्मचारियों का उनकी भर्ती के समय से उनकी सेवा के हर स्तर पर अनिवार्य डोप टेस्ट कराने का आदेश दिया. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को इस बाबत तौर-तरीकों पर काम करने और इस संबंध में जरूरी अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री का आदेश
• मुख्यमंत्री ने भर्ती और पदोन्नति के सभी मामलों में शरीर में नशीले पदार्थ की जांच अनिवार्य रूप से किये जाने का आदेश दिया.
• मुख्यमंत्री ने वार्षिक मेडिकल जांच कराने का भी आदेश दिया जो कुछ कर्मचारियों को उनकी सेवाओं की प्रकृति के अनुरूप जरूरी है.
• इससे कुछ समय पूर्व उन्होंने ड्रग तस्करों की मौत की सजा दिए जाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था.
पंजाब में ड्रग्स समस्या के प्रमुख कारक |
|
नारकोटिक्स ड्रग्स में संशोधन की मांग
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्स्टेंस (एनडीपीएस) कानून, 1985 में संशोधन करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए केंद्र को औपचारिक सिफारिश भेजने का फैसला किया गया. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने पत्र में मौजूदा प्रावधानों को मजबूत बनाने पर जोर दिया ताकि अपराधियों को और कड़ी सजा दी जा सके.
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीपीएस कानून मौजूदा स्वरूप में कुछ अपराध दो बार करने पर ही मौत की सजा का प्रावधान रखता है. उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि कम से कम पहली बार इन अपराधों को अंजाम देने वाला शख्स बचकर निकल सकता है. इससे युवाओं और समाज को बहुत नुकसान पहुंच रहा है.
यह भी पढ़ें: राजस्थान सरकार ने 62 लाख बच्चों के लिए अन्नपूर्णा दुग्ध योजना आरंभ की
Comments
All Comments (0)
Join the conversation