पर्यटन मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित दूसरे विस्ताडोम कोच को 21 सितंबर 2017 को भारतीय रेलवे में शामिल किया गया. रेलवे मंत्रालय ने मुंबई-गोवा मार्ग पर खूबसूरत पश्चिमी घाटियों का एक विशाल दृश्य प्रदान कराने के लिए इस दूसरे कोच को ‘जन शताब्दी एक्सप्रेस’ में शामिल किया गया.
विशेषताएं
• विस्टाडोम कोच पर शीशे की छत है, जिसमें बिजली से नियंत्रित होने वाला उपकरण लगा है, जिससे इसे पारदर्शी और अपारदर्शी बनाया जा सकता है.
• बेहतर दृष्टिकोण की चाहत रखने वाले यात्रियों के लिए विशेष अवलोकन डेक की व्यवस्था है.
रेलवे ने पहले विस्टाडोम कोच वाली रेल का शुभारम्भ किया
• सभी कुर्सियां 360 डिग्री तक घूमने और आसानी से आगे पीछे होने वाली हैं.
• इन डिब्बों में स्वचालित खुलने-बंद होने वाले दरवाज़े, कई टीवी स्क्रीन और व्यापक खिड़कियां लगाई गयी हैं.
पर्यटन मंत्रालय ने देश में रेल पर्यटन को विकसित करने के लिए शीशे की छत वाले तीन डिब्बों का निर्माण करने के लिए 4 करोड़ रुपये प्रति कोच के हिसाब से कुल 12 करोड़ रुपये की सहायता रेल मंत्रालय को प्रदान की है. पहला विस्ताडोम कोच विशाखापत्तनम-अराकु घाटी मार्ग पर अप्रैल 2017 में रेलवे मंत्रालय में शामिल किया गया था और यह कोच बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है.
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