Indian Railway ने पहली बार लंबी दूरी की दो मालगाड़ियों का परिचालन किया, जानें विस्तार से

Oct 11, 2021, 11:07 IST

भारतीय रेलवे ने देश में मालगाड़ियों से ज्‍यादा से ज्‍यादा माल ढुलाई हेतु नया रास्‍ता निकाला है. भारतीय रेलवे का मानना है कि इससे लंबी दूरी तक अधिकतम माल ढुलाई में बहुत मदद मिलेगी. 

Railways launch two long haul freight trains Trishul and Garuda
Railways launch two long haul freight trains Trishul and Garuda

भारतीय रेल (Indian Railway) के दक्षिण मध्य मंडल ने पहली बार लंबी दूरी की दो मालगाड़ियों ‘‘त्रिशूल’’ और ‘‘गरुड़’’ का सफलतापूर्वक परिचालन किया. भारतीय रेलवे ने 10 अक्टूबर 2021 को यह जानकारी दी. भारतीय रेलवे ने देश में मालगाड़ियों से ज्‍यादा से ज्‍यादा माल ढुलाई हेतु नया रास्‍ता निकाला है.

यह लंबी दूरी की मालगाड़ियों से दोगुना या कई गुना ज्यादा लंबी हैं और इनमें एक बार में बहुत ज्यादा माल की ढुलाई होने से क्षमता की कमी का समाधान होता है. इस तरह की ट्रेनों के कई फायदे हैं, जिनमें एक ही बार में बहुत ज्‍यादा माल की ढुलाई शामिल हैं, जिससे क्षमता के कमी का समाधान करती हैं.

मध्य रेलवे की पहली लंबी दौड़ वाली ट्रेन

भारतीय रेलवे ने दो मालगाड़ियां 'त्रिशूल' और 'गरुड़' शुरू की हैं. ये मालगाड़ियां सामान्य संरचना से काफी लंबी हैं. ये लंबी ट्रेनें महत्वपूर्ण वर्गों में क्षमता की कमी की समस्या का बहुत प्रभावी समाधान प्रदान करेंगी. त्रिशूल दक्षिण मध्य रेलवे की पहली लंबी दौड़ वाली ट्रेन है.

त्रिशूलट्रेन: एक नजर में

भारतीय रेलवे ने बताया कि दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) पर पहली ऐसी ट्रेन ‘त्रिशूल’ की लंबाई तीन मालगाड़ियों के बराबर है और इसमें 177 डिब्बे हैं. इस मालगाड़ी ने अपना सफर सात अक्टूबर को विजयवाड़ा मंडल के कोंडापल्ली स्टेशन से पूर्वी तट रेलवे के खुर्द मंडल तक के लिए शुरू किया.

‘गरुड़’ ट्रेन: एक नजर में

दक्षिण मध्य रेलवे ने इसके बाद 08 अक्टूबर को गुंटाकल मंडल में रायचुर से सिकंदराबाद मंडल में मेंगलूरू तक ऐसी ही एक और मालगाड़ी ‘गरुड़’ को रवाना किया. दोनों मालगाड़ियों में ताप विद्युत संयंत्रों के लिए कोयला की ढुलाई करने के वास्ते ऊपर से खुले हुए डिब्बे हैं.

दक्षिण मध्य रेलवे की मालगाड़ियां

दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) भारतीय रेलवे के पांच प्रमुख माल ढुलाई वाले रेलवे में शामिल है. एससीआर की मालगाड़ियां कुछ मुख्य मार्गों जैसे कि विशाखापत्तनम-विजयवाड़ा-गुडुर-रेनीगुंटा, बल्लारशाह-काजीपेट-विजयवाड़ा, काजीपेट-सिकंदराबाद-वाडी और विजयवाड़ा-गुंटूर-गुंटाकल पर चलती हैं.

इससे होने वाले लाभ

भारतीय रेलवे का मानना है कि इससे लंबी दूरी तक अधिकतम माल ढुलाई में बहुत मदद मिलेगी. इन मालगाड़ियों से थर्मल पावर स्टेशनों तक कोयला पहुंचाने में काफी सहूलियत होगी. माल ढुलाई में ज्यादा से ज्यादा लदान करने और निर्धारित गंतव्य तक पहुंचाने में ऐसी मालगाड़ियां काफी मददगार हो सकती हैं.

माल ढुलाई की दिशा में कई प्रयोग

भारतीय रेलवे ने कोरोना काल के दौरान माल ढुलाई की दिशा में कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए हैं, जिसका उसे लाभ भी मिला है. इस दौरान यात्री ट्रेनों का संचालन ठप होने की वजह से ट्रैक खाली मिला तो माल ढुलाई वाली मालगाड़ियों के प्रदर्शन में जबर्दस्त सुधार हुआ है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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