केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 05 जुलाई, 2021 को यह घोषणा की है कि, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राजस्थान में चौथे बाघ अभयारण्य के तौर पर रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को अपनी मंजूरी दे दी है.
इस राज्य के बूंदी जिले में स्थित रामगढ़ विषधारी अभयारण्य पूर्वोत्तर में रणथंभौर टाइगर रिजर्व को राजस्थान के दक्षिणी हिस्से में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से जोड़ेगा.
रामगढ़ विषधारी अभयारण्य: प्रमुख विवरण
• राजस्थान में रामगढ़ विषधारी अभयारण्य, जो 1,071 वर्ग किमी में फैला है, इस राज्य का चौथा टाइगर रिजर्व होगा.
• वर्ष, 2018 की टाइगर सेंसस/ गणना के अनुसार राजस्थान के इन तीन अन्य रिजर्व्स में 102 बाघ हैं.
• रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को टाइगर रिजर्व में बदलने का प्रस्ताव हाल ही में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की तकनीकी समिति द्वारा प्रस्तुत किया गया था.
राजस्थान में टाइगर रिजर्व
• सवाई माधोपुर में रणथंभौर टाइगर रिजर्व
• अलवर में सरिस्का टाइगर रिजर्व
• कोटा में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व
• बूंदी में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व
दो बाघ अभयारण्यों को जोड़ना क्यों है इतना महत्त्वपूर्ण?
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व पूर्वोत्तर में रणथंभौर टाइगर रिजर्व को राजस्थान के दक्षिणी हिस्से में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से जोड़ेगा.
विशेषज्ञों के अनुसार, रणथंभौर रिजर्व में बाघों की संख्या काफी अधिक हो गई है. रणथंभौर टाइगर रिजर्व में 300 वर्ग किमी से अधिक क्षेत्र को जानवरों के लिए महत्त्वपूर्ण आवास के तौर पर छोड़ दिया जाएगा और शेष क्षेत्र बफर जोन के तौर पर काम करेगा.
रामगढ़ विषधारी अभयारण्य: बाघों का प्रजनन स्थल
कथित तौर पर, रामगढ़ विषधारी अभयारण्य बाघों के लिए एक प्रजनन स्थल है. वर्ष, 1985 की जनगणना के अनुसार, 09 बाघों को वहां देखा गया था और वर्ष, 2013 से लगभग 03 बाघ कथित तौर पर रणथंभौर से रामगढ़ में चले गये थे.
शिकार के आधार को मजबूत करने के लिए, सरकार ने घाना पक्षी अभयारण्य से मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, रामगढ़ विषधारी अभयारण्य और केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में चीतल (चित्तीदार हिरण) को स्थानांतरित करने की मंजूरी पहले ही दे दी है.
रामगढ़ विषधारी अभयारण्य के बारे में
बूंदी जिले के एक हिस्से को वर्ष, 1982 में रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था. इस अभयारण्य के मुख्य क्षेत्रों में 8 गांव हैं और यह क्षेत्र बड़ी संख्या में जंगली जानवरों का घर है, जिनमें चीतल, सांभर, कैरकल, जंगली बोर, नीलगाय, चिंकारा और धारीदार लकड़बग्घा शामिल हैं.
इससे पहले वर्ष, 2020 में राजस्थान सरकार ने इस अभयारण्य को एक टाइगर रिजर्व के तौर पर अपग्रेड करने की योजना की घोषणा की थी.
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