आरबीआई ने म्यूचुअल फंड्स के लिए दिए 50 हजार करोड़

Apr 28, 2020, 15:58 IST

म्यूचुअल फंडों के लिए विशेष नकदी सुविधा योजना के तहत, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) 90 दिन की अवधि के लिए एक निश्चित रेपो दर पर यह रेपो संचालन करेगा.

RBI announces special liquidity support worth Rs 50000 crore to mutual funds in Hindi
RBI announces special liquidity support worth Rs 50000 crore to mutual funds in Hindi

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 27 अप्रैल 2020 को म्यूचुअल फंडों के लिए 50,000 करोड़ रुपये की एक विशेष नकदी (चलनिधि) की सुविधा प्रदान करने की घोषणा की है. RBI के अनुसार, कोविड -19 महामारी के कारण पूंजी बाजारों में बढ़ी अस्थिरता ने म्यूचुअल फंडों (MFs) में नकदी के प्रवाह पर दबाव डाला है. 

म्यूचुअल फंडों पर नकदी के इस प्रवाह का दबाव केवल कुछ ऋण संबंधी MFs और उसके संभावित संक्रामक प्रभावों को बंद करने से संबंधित मोचन दबाव के मद्देनजर तेज हो गया है. हालाँकि, यह तनाव इस समय उच्च जोखिम वाले ऋण संबंधी म्यूचुअल फंड अनुभाग तक ही सीमित है, जबकि बड़े उद्योग में नकदी का प्रवाह बना हुआ है. 

इसलिए, RBI ने म्यूचुअल फंडों पर इस नकदी प्रवाह के दबाव को कम करने के लिए ₹ 50,000 करोड़ की एक विशेष नकदी सुविधा म्यूचुअल फंडों को प्रदान करने का फैसला किया है.

उद्देश्य

इस कदम के पीछे मुख्य उद्देश्य वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना और कोविड -19 से होने वाली आर्थिक हानि को कम करना है.

RBI की विशेष नकदी सुविधा: मुख्य विशेषताएं

• म्यूचुअल फंड (SLF-MF) के लिए विशेष नकदी सुविधा योजना के तहत, RBI एक निश्चित रेपो दर पर 90 दिनों की अवधि का रेपो संचालन करेगा.

• यह योजना ऑन-टैप और ओपन-एंडेड है और बैंक की छुट्टियों को छोड़कर सोमवार से शुक्रवार तक किसी भी दिन धन प्राप्त करने के लिए बैंक अपनी बोली पेश कर सकते हैं.

• इस योजना को आज अर्थात 27 अप्रैल से शुरू करके 11 मई, 2020 तक या निर्धारित राशि के समस्त आवंटन तक, जो भी पहले हो, लागू किया गया है.

• रिज़र्व बैंक बाजार की स्थितियों के आधार पर इस राशि और समयावधि की समीक्षा करेगा.

• इस विशेष योजना के तहत उपलब्ध कराए गए 50,000 करोड़ रुपये के फंड का उपयोग बैंकों द्वारा विशेष रूप से म्यूचुअल फंडों की नकदी संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा:

  1. ऋण प्रदान करने के लिए. 
  2. MFs द्वारा संचालित निवेश-ग्रेड कॉर्पोरेट बॉन्ड, वाणिज्यिक पत्रों (सीपी), डिबेंचर और सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (सीडी) के संपार्श्विक के प्रति एकमुश्त खरीद या पुनर्खरीद.

• SLF-MF योजना के तहत मिलने वाली नकदी सहायता को परिपक्वता (HTM) के रूप में, यहां तक कि HTM पोर्टफोलियो में शामिल होने वाले कुल निवेश के 25 प्रतिशत से अधिक के लिए भी वर्गीकृत किया जा सकता है.

• इस सुविधा के तहत बड़े एक्सपोजर फ्रेमवर्क (LEF) के तहत एक्सपोज़र को शामिल नहीं किया जाएगा. SLF-MFs योजना के तहत अधिगृहीत और HTM श्रेणी में रखी गई प्रतिभूतियों का अंकित मूल्य प्राथमिकता वाले क्षेत्र के लक्ष्यों/ उप-लक्ष्यों को निर्धारित करने के लिए समायोजित गैर-खाद्य बैंक ऋण (ANBC) की गणना के लिए नहीं माना जाएगा.  

• SLF-MFs के तहत MFs को दी गई इस आर्थिक सहायता को बैंकों की पूंजी बाजार जोखिम सीमा से मुक्त रखा जाएगा.

महत्वपूर्ण पॉइंट्स 

• पात्र संपार्श्विक के प्रति सभी नकदी समायोजन सुविधा (LAF) पात्र बैंकों को के लिए विशेष रेपो विंडो उपलब्ध होगी और केवल म्यूचुअल फंडों को ऋण देने के लिए इसका लाभ उठाया जा सकता है. 

• पात्र बैंक हर दिन सुबह 9 बजे से 12 बजे के बीच CBS प्लेटफॉर्म पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपनी बोली पेश कर सकते हैं.

• इस योजना के तहत शेष राशि के लिए हर दिन एक LAF रेपो इशू तैयार किया जाएगा.

• SLF-MFs रेपो की बोली प्रक्रिया, निपटान और बदलाव (रिवर्सल), LAF/MSF के मामले में अपनाई गई मौजूदा प्रणाली के समान होगा.

• किसी भी दिन अधिसूचित राशि के अधिक अंशदान (सब्सक्रिप्शन) के मामले में, आवंटन समानुपातिक आधार पर किया जाएगा.

• हालांकि, RBI के पास पूर्णता प्रभावों के कारण अधिसूचित राशि की तुलना में थोड़ी अधिक राशि प्रदान  करने का अधिकार सुरक्षित रहेगा.

• न्यूनतम बोली राशि एक करोड़ रुपये और उसके गुणकों में होगी और आवंटन भी एक करोड़ रुपये के गुणकों में होगा.

• एक बाजार प्रतिभागी किसी दिए गए दिन की घोषणा की गई अधिसूचित राशि के बराबर या उससे कम राशि की बोली लगा सकता है. अगर प्रतिभागी द्वारा प्रस्तुत कुल बोली उस दिन की अधिसूचित राशि से अधिक हो तो RBI प्रतिभागी की बोलियों को अस्वीकार कर सकता है.

• पात्र संपार्श्विक और उस पर लागू हेयरकट्स (किसी परिसंपत्ति के घोषित मूल्य में कमी) LAF के लिए यथा लागू के सामान ही रहेंगे.

• 12 अप्रैल 2017 तक मौजूदा दिशा-निर्देशों के संदर्भ में, LAF संचालन पर लागू होने वाले अन्य सभी नियम और शर्तें, सुरक्षा प्रतिस्थापन के लिए एक सुविधा सहित, इन विशेष कार्यों पर भी लागू होंगे.

• जबकि बैंक म्युचुअल फंड के साथ मिलकर रेपो/ उधार देने की अवधि तय करेंगे, RBI रेपो की  न्यूनतम अवधि तीन महीने की होगी.

Anjali is an experienced content developer and Hindi translator with experience in a variety of domains including education and advertising. At jagranjosh.com, she develops Hindi content for College, Career and Counselling sections of the website. She is adept at creating engaging and youth-oriented content for social platforms. She can be contacted at anjali.thakur@jagrannewmedia.com.
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News