भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आम आदमी को राहत देते हुए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) के जरिए पैसे भेजने का समयसीमा बढ़ा दिया है. आरबीआई के फैसले के बाद अब ग्राहक 6 बजे तक बैंकों में लेनदेन कर सकेंगे.
यह व्यवस्था 01 जून 2019 से प्रभावी होगी. इससे पहले आरटीजीएस के माध्यम से लेनदेन 4:30 बजे शाम तक किया जा सकता था. फिलहाल 01 जून से पहले आरटीजीएस के जरिए शाम साढ़े चार बजे तक ही मनी ट्रांसफर की सुविधा है.
मुख्य बिंदु:
• आरटीजीएस के अतिरिक्त पैसे एक खाते से दूसरे खाते में भेजने का एक अन्य लोकप्रिय माध्यम नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) है. इसमें ट्रांसफर के लिए न्यूनतम और अधिकतम पैसे की सीमा नहीं है.
• आरबीआई ने अधिसूचना में कहा कि उसने आरटीजीएस में ग्राहक लेनदेन हेतु समय को शाम साढे चार बजे से बढ़ाकर 6 बजे करने का फैसला किया है.
आरटीजीएस क्या है?
आरटीजीएस के तहत व्यक्तिगत खाताधाकों या समूह में ग्राहकों को पैसा भेजने की सुविधा मिलती है. आरटीजीएस सिस्टम के तहत मनी ट्रांसफर का काम तुरंत होता है. आरटीजीएस का उपयोग मुख्यत: बड़ी राशि के हस्तांतरण के लिए होता है. गौरतलब है, आरटीजीएस के ज़रिए न्यूनतम 02 लाख रुपये भेजे जा सकते हैं जबकि अधिकतम राशि भेजने की कोई सीमा नहीं है. आरटीजीएस सबसे तेज मनी ट्रांसफर सेवा है. आरटीजीएस का उपयोग बैंक से या नेटबैंकिंग के माध्यम से भी किया जा सकता है.
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आरटीजीएस, एनईएफटी से कितना अलग है?
आरटीजीएस यह फंड ट्रांसफर के एक अन्य तरीके एनईएफटी (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) से अलग होता है. एनईएफटी के तहत फंड ट्रांसफर एक निर्धारित समय पर ही होता है. जबकि आरटीजीएस के तहत फंड को तत्काल ट्रांसफर करने के लिए प्रक्रिया में लगा दिया जाता है.
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