भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पेमेंट बैंकों के लिए डिपॉजिट लिमिट बढ़ा दी है. आरबीआई ने पेमेंट बैंकों के लिए डिपॉजिट लिमिट को एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया है. यह राहत आरबीआई ने तत्काल प्रभाव से दी है.
आरबीआई ने 07 अप्रैल 2021 को मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की है. मौद्रिक नीति में केंद्रीय बैंक ने डिजिटल पेमेंट्स बैंक को बड़ा प्रोत्साहन दिया है. गौरतलब है कि पेमेंट बैंक काफी समय से डिपॉजिट लिमिट बढ़ाने की मांग कर रहे थे. इससे पहले सरकार ने डिपॉजिट इंश्योरेंस लिमिट को पांच लाख रुपये तक बढ़ाया था.
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा
देश में फाइनेंशियल इन्क्लूजन (वित्तीय समावेशन) और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए ही आरबीआई ने पेमेंट्स बैंक के लाइसेंस दिए गए थे. रिजर्व बैंक ने 07 अप्रैल 2021 को मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि पेमेंट्स बैंक से कम आय वर्ग, एमएसएमई, गली-मोहल्ले के छोटे दुकानदारों तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने में मदद मिली है.
भुगतान क्षमता बढ़ेगी
आरबीआई के इस कदम से कम आय वर्ग, लघु उद्योगों और गली-मोहल्ले के छोटे दुकानदारों की भुगतान क्षमता बढ़ेगी. यह व्यवस्था उन्हें प्रतिदिन दो लाख रुपये तक के आसान भुगतान में सक्षम बनाएगी जिसकी सीमा अभी एक लाख रुपये है.
उद्देश्य
आरबीआई का कहना है कि वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने और पेमेंट बैंकों को अधिक लचीलापन बनाने के उद्देश्य से ही अधिकतर सीमा को बढ़ाया गया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की तरफ से सीमा बढ़ाने के केंद्रीय बैंक के फैसले की घोषणा किए जाने के एक दिन बाद आरबीआई ने आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा कर दी है.
भुगतान प्रणाली का उपयोग
रिजर्व बैंक की आरटीजीएस और एनईएफटी जैसी केन्द्रीयकृत भुगतान प्रणाली का उपयोग अभी केवल बैंक ही कर सकते हैं. लेकिन रिजर्व बैंक ने प्रीपेड पेमेंट कार्ड, कार्ड नेटवर्क, वाइट लेबल एटीएम, इत्यादि को भी उसकी इस प्रणाली का उपयोग करने की छूट दे दी.
पेमेंट्स बैंक: एक नजर में
भारत में पेटीएम पेमेंट्स बैंक, एयरटेल पेमेंट्स बैंक और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक आदि कुछ प्रमुख पेमेंट बैंक हैं. पेमेंट बैंक ग्राहकों से बचत खाते की पेशकश करते हैं. इनमें ग्राहक रुपये जमा करा सकते हैं. बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के उद्देश्य के साथ पेमेंट बैंकों को लाया गया था. पेमेंट बैंक लोन जैसी कुछ विशेष वित्तीय सेवाओं की पेशकश ग्राहकों से नहीं करते हैं.
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