भारतीय रिजर्व बैंक ने 29 नवम्बर 2016 को जनधन खातों से नकद निकासी की सीमा 10,000 रपये प्रति माह तय कर दी है. कालाधन रखने वालों द्वारा जनधन खातों के दुरपयोग के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
प्रधानमंत्री जनधन योजना खाताधारक किसानों तथा ग्रामीणों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये यह कदम उठाया गया है. उनके खातों का मनी लांड्रिंग गतिविधियों के लिये इस्तेमाल करने और इसके परिणामस्वरूप बेनामी संपत्ति लेनदेन एवं मनी लांड्रिंग कानून के कड़े प्रावधानों को देखते हुये ऐसे खातों के संचालन पर कुछ सीमा लगाये जाने का फैसला किया गया है.
अधिसूचना के अनुसार जिन जनधन खातों में अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) की सभी शर्तों का अनुपालन किया गया है उनमें से हर महीने 10,000 रूपए तक निकल सकेंगे. ऐसे जनधन खाते जिनमें सीमित या केवाईसी अनुपालन नहीं है उन खातों से महीने में 5,000 रुपये ही निकल सकेंगे.
हालांकि बैंकों के शाखा प्रबंधक मौजूदा तय सीमाओं के दायरे में रहते हुये मामले की गंभीरता की जांच पड़ताल करने के बाद ऐसे खातों से महीने में दस हजार रपये की अतिरिक्त निकासी की भी अनुमति दे सकते हैं.
पृष्ठभूमि:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1,000 रुपये के नोटों को अमान्य करने की घोषणा की थी. इसके बाद से जनधन खातों में 27,198 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी जमा हुई है.
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