RBI ने ब्याज दरों में नहीं किया बदलाव, रेपो रेट 4 प्रतिशत पर बरकरार

Apr 7, 2021, 12:00 IST

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में खुदरा महंगाई दर पांच प्रतिशत पर रही, जबकि पहले इसके 5.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जाहिर किया गया था. 

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भारतीय रिजर्व बैंक ने 07 अप्रैल 2021 को वित्त वर्ष 2021-22 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा पेश किया. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत रुख को 'उदार' बनाए रखा है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी में 10.5 प्रतिशत की ग्रोथ का अनुमान जाहिर किया है.

आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने 07 अप्रैल 2021 को मॉनेटरी पॉलिसी का घोषणा किया है. इससे पहले भी फरवरी में ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ था. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी में 10.5 प्रतिशत की ग्रोथ का अनुमान जाहिर किया है.

रेपो रेट: रेपो रेट वह दर है, जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है. मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है.

रिवर्स रेपो रेट: यह वह दर होती है जिसपर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है. रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है. रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है और इसे 3.35 प्रतिशत बनाए रखा गया है.

बैंक रेट: बैंक रेट वह दर है जिस पर आरबीआई व्यापारिक बैंको को प्रथम श्रेणी की प्रतिभूतियों पर कर्ज प्रदान करता है. बैंक रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह पहले की तरह ही 4.25 फीसदी है.

खुदरा महंगाई दर पांच प्रतिशत

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में खुदरा महंगाई दर पांच प्रतिशत पर रही, जबकि पहले इसके 5.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जाहिर किया गया था. मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली और दूसरी तिमाही में खुदरा महंगाई दर के 5.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.1 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जाहिर किया है.

गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्या कहा?

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 के मामलों में हाल में आई तेजी पर करीब से निगाह रखने की जरूरत है. महामारी के असर के कम होने तक नीतिगत रुख उदार बना रहेगा.

कोविड-19 के मामलों में लगातार वृद्धि

केंद्रीय बैंक की एमपीसी की बैठक ऐसे समय में हुई जब देश में कोविड-19 के मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है. इससे कई राज्यों को स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन जैसी कड़ी पाबंदियां लागू करनी पड़ी हैं. इससे आने वाले समय में आर्थिक परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता पैदा हो गई है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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