आरबीआई ने पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड योजना के संचालन की घोषणा की

Jan 8, 2021, 15:53 IST

देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करने के साथ ही टियर-3 से टियर-6 शहरों (केंद्रों) में भुगतान स्वीकृति अवसंरचना का विकास करना है. 

RBI operationalises payment infra development fund in Hindi
RBI operationalises payment infra development fund in Hindi

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने भुगतान अवसंरचना विकास कोष (पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड) योजना के संचालन की घोषणा की है. पेमेंट्स इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (पीआईडीएफ) के जरिये देश में पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया जाएगा.

पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) को फिजिकल और डिजिटल दोनों मोड में बढ़ाया जाएगा. आरबीआई ने इसके लिए टीयर-3 से टीयर-6 सेंटर्स को चिन्हित किया है जहां इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया जाएगा. साथ ही, देश के उत्तर पूर्वी राज्यों में भी इस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया जाएगा.

उद्देश्य

देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करने के साथ ही टियर-3 से टियर-6 शहरों (केंद्रों) में भुगतान स्वीकृति अवसंरचना का विकास करना है. इस कोष का संचालन 01 जनवरी 2021 से तीन वर्षों की अवधि के लिये किया जाएगा तथा इसे आगे दो और वर्षों के लिये बढ़ाया जा सकता है.

कैश का झंझट खत्म होगा

पेमेंट्स इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (पीआईडीएफ) के प्रबंधन के लिये आरबीआई के डिप्टी गवर्नर बीपी कानूनगो की अध्यक्षता में एक सलाहकार परिषद का गठन किया गया है. रिजर्व बैंक का पीआईडीएफ इसी तरह की मशीनों के प्रचलन को बढ़ावा देने की तैयारी में है. इससे देश में डिजिटल पेमेंट बढ़ेगा. कैश का झंझट खत्म होगा और एक तरह से लेन-देन का पूरा रिकॉर्ड सरकार के पास होगा. यह फंड देश में ई-पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देगा.

वित्त का आवंटन

वर्तमान में पीआईडीएफ की कुल निधि 345 करोड़ रुपए है जिसमें आरबीआई का योगदान 250 करोड़ रुपए तथा देश के प्रमुख अधिकृत कार्ड नेटवर्क का योगदान 95 करोड़ रुपए है. अधिकृत कार्ड नेटवर्क द्वारा कुल 100 करोड़ रुपए का योगदान किया जाएगा. इस कोष के अलावा पीआईडीएफ को कार्ड नेटवर्क और कार्ड जारी करने वाले बैंकों से वार्षिक योगदान भी प्राप्त होगा.

भुगतान अवसंरचना

वित्त का उपयोग भुगतान अवसंरचना को अभिनियोजित करने के लिये बैंकों और गैर-बैंकों को सब्सिडी देने हेतु किया जाएगा, जो विशिष्ट लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये प्रासंगिक होगा. अधिग्राही बैंक (अधिग्राहक अथवा व्यापारी बैंक भी) किसी व्यापारी या व्यवसाय की ओर से डेबिट और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लेन-देन करने वाले वित्तीय संस्थान हैं.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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