भारतीय वायुसेना एवं अमेरिकी वायुसेना के बीच अलास्का में आयोजित रेड फ्लैग वायुसेना अभ्यास 13 मई 2016 को समाप्त हुआ.
कोप थंडर अभ्यास के बाद रेड फ्लैग वायुसेना अभ्यास का आरंभ 28 अप्रैल 2016 को हुआ जिसमें भारतीय वायुसेना (आईएएफ), अमेरिकी वायुसेना (यूएसएएफ) एवं अमेरिकी नेवी (यूएसएन) भाग लेती है.
चार सप्ताह तक चलने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन अलास्का के ईलसन एयर फ़ोर्स बेस में किया गया. भारत ने वर्ष 2008 के बाद दूसरी बार ऐसे सैन्य अभ्यास में भाग लिया.
रेड फ्लैग वायुसेना अभ्यास
• भारतीय वायुसेना के 170 से अधिक अधिकारियों ने इस अभ्यास में भाग लिया.
• भारतीय वायुसेना के 10 विमानों – चार सु-30एमकेआई, चार जगुआर एवं दो आईएल-78 विमानों ने भाग लिया.
• इसका उद्देश्य भारतीय वायुसेना के सामर्थ्य को पहचानना एवं अन्य सैन्य बलों से सीखकर विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहना है.
• इस अभ्यास के दौरान, भारतीय वायुसेना के विमानों ने अमेरिकी एग्रेसर्स के साथ उड़ान भरी.
• भारतीय जगुआर के डारिन-2 ने विश्व प्रसिद्ध जेपीएआरसी रेंज में बम वर्षा करने का अभ्यास भी किया.
• इस दौरान यहां का तापमान शून्य से भी कम था.
रेड फ्लैग अभ्यास
• यह एक अत्याधुनिक वायुसेना अभ्यास है जिसे नेलिस एयरफ़ोर्स बेस, नेवादा में आयोजित किया जाता है.
• रेड फ्लैग अलास्का ईलसन एयर फ़ोर्स स्टेशन पर आयोजित होता है. यह कोपथंडर अभ्यास के स्थान पर आरंभ किया गया.
• इसका उद्देश्य भारतीय वायुसेना अधिकारियों को अमेरिका एवं नाटो द्वारा प्रशिक्षण दिलाना है. इसमें शत्रु के हार्डवेयर का इस्तेमाल एवं असली हथियारों का प्रयोग किया जाता है.
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