रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड ने खुद की क्रिप्टोकरंसी ‘जियो कॉइन’ लाने की योजना पर काम कर रहा है. मुकेश अंबानी के बड़े बेटे अकाश अंबानी जियो कॉइन प्रोजेक्ट को लीड कर रहे हैं. इस टीम में 50 यंग प्रोफेशनल्स हैं और ये मिलकर ब्लॉकचेन टेक्नॉलॉजी पर काम कर रहे हैं. रिलायंस जियो ने इस फैसले को दुनियाभर में बढ़ रहे क्रिप्टोकरंसी के बढ़ते चलन को देखते हुए अपनाया है.
ब्लॉकचेन टेक्नॉलॉजी क्या है?
ब्लॉकचेन टेक्नॉलॉजी दरअसल एक तरह की ट्रांजैक्शन लिस्ट का रिकॉर्ड है जिसे क्रिप्टोग्राफी से लिंक और सिक्योर किया जाता है. हर ब्लॉक में एक हैश प्वॉइंटर होता है जो इसे दूसरे ब्लॉक से जोड़ता है. यह टेक्नॉलॉजी दो लोगों के बीच हुए ट्रांजैक्शन को रिकॉर्ड कर सकता है. इसमें रिकॉर्ड की जानकारियां कॉपी नहीं की जा सकती हैं. यह डेटाबेस क्लाउड पे होते हैं ताकि इसमें ना कोई छेड़छाड़ कर सके और न ही स्पेस की कमी हो. क्लाउड पर अनलिमिटेड डेटा को आसानी से स्टोर किया जा सकता है. साधारण शब्दों में कहें तो ब्लॉकचेन एक टेक्नॉलॉजी है जिससे बिटक्वाइन का कारोबार चलता है.
पृष्ठभूमि:
भारत में क्रिप्टोकरेंसी लीगल (वैध) नहीं है, लेकिन अगर जियो ऐसी कोई तैयारी कर रहा है तो संभव है आने वाले समय में यहां इसे लीगल किया जाए. भारत सहित पूरी दुनिया में बिटक्वाइन का क्रेज बढ़ता जा रहा है. कुछ देशों ने इसे मान्य भी कर दिया है. लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं जो इसे असुरक्षित मान रहे हैं और इसके खिलाफ भी हैं.
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