चीनी और कन्फेक्शनरी उत्पादों, पान, तंबाकू तथा मादक पदार्थों के दाम बढ़ने के कारण जुलाई महीने में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 2.36 प्रतिशत हो गई. हालांकि खाद्य कीमतें सालना स्तर पर अब भी गिरी हुई हैं पर जुलाई महीने में खद्य मुद्रास्फीति बढ कर - 0.29 प्रतिशत हो गयी जबकि जून में कीमत स्तर सालाना आधार पर - 2.12 प्रतिशत नीचे चल रहा था.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक जून महीने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति संशोधित आंकड़ों के आधार पर 1.46 प्रतिशत रही. आलोच्य महीने में चीनी व कन्फेक्शनरी उत्पादों का कीमत स्तर एक साल पहले की तुलना में 8.27 प्रतिशत ऊँचा रहा जबकि पान, तंबाकू तथा मादक पदार्थों के वर्ग में मुद्रास्फीति 6.39 प्रतिशत ऊंची थी.
सोने का आयात बढ़ने से जुलाई में देश का व्यापार घाटा भी बढ़कर 11.44 अरब डॉलर हो गया. जुलाई, 2016 में यह 7.76 अरब डॉलर के स्तर पर था. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार जुलाई में सोने के आयात में 95 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हुई और यह 2.10 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले साल के समान महीने में 1.07 अरब डॉलर था. इसी तरह कच्चे तेल का आयात 15 प्रतिशत बढ़कर 7.84 अरब डॉलर रहा.
आवास खंड में कीमतें 4.98 प्रतिशत बढ़ीं जबकि ईंधन व रोशनी खंड में दाम 4.86 प्रतिशत बढ़े. ग्रामीण इलाकों में जुलाई की खुदरा मुद्रास्फीति 2.41 प्रतिशत रही जबकि शहरों के लिए यह 2.17 प्रतिशत रही. जून में उक्त मुद्रास्फीति क्रमश: 1.52 प्रतिशत व 1.41 प्रतिशत रही थी.
वस्त्र व फुटवियर उत्पादों के खुदरा दाम इस दौरान 4.22 प्रतिशत बढ़े. इसी तरह ईंधन और बिजली की थोक महंगाई दर जुलाई में घटकर 4.37 प्रतिशत रह गयी है जबकि जून में यह 5.28 प्रतिशत थी.
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