रूस, भारत और चीन (Russia, India, China – RIC) के विदेश मंत्रियों की 16वीं बैठक 27 फरवरी 2019 को चीन के झेजियांग प्रांत में संपन्न हुई. आरआईसी की बैठक इसलिये महत्त्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि रूस, भारत और चीन अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं और दुनिया की घटनाओं को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं.
इस बैठक में तीनों देशों ने बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई. यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि इसमें प्रतिनिधियों को शामिल करने, इसे मजबूत बनाने तथा विकासशील देशों के प्रतिनिधित्व को और बढ़ाने के साथ संयुक्त राष्ट्र सहित सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार आदि विषयों पर चर्चा की गई.
सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रीय मंचों और संगठनों, जैसे- पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन, आसियान क्षेत्रीय मंच, आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक, एशिया-यूरोप बैठक, द कांफ्रेंस ऑन इंटरेक्शन एंड कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेज़र्स इन एशिया तथा एशिया कोऑपरेशन डायलॉग के महत्त्व को दोहराया गया.
संयुक्त वकतव्य
- बैठक में आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा की गई. इसमें अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक नीति को शीघ्र अपनाने का आह्वान किया गया.
- इसमें आतंकवाद के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्तावों को लागू करने का भी आह्वान किया गया.
- आरआईसी की बैठक में इस बात पर भी ज़ोर दिया कि आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने वाले, इसे पोषित करने वाले, उकसाने वाले या समर्थन करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिये और उन्हें न्याय तंत्र के दायरे में लाया जाना चाहिये.
- नशीले पदार्थों की तस्करी, अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग, जैविक तथा रासायनिक हथियारों के निषेध के विरुद्ध कन्वेंशन को अपनाने का भी आह्वान किया गया.
- अफगानिस्तान में एक अफगान-नेतृत्व वाली, अफगान स्वामित्व वाली शांति का आह्वान किया गया, कोरियाई प्रायद्वीप में महत्त्वपूर्ण और सकारात्मक परिवर्तनों का स्वागत किया गया, ईरान-परमाणु समझौते का समर्थन किया गया तथा फिलिस्तीन मुद्दे के निपटारे के लिये दो-राज्य समाधान का समर्थन किया गया गया.
- इसके अतिरिक्त सम्मेलन में यमन, सीरिया और वेनेजुएला में उत्पन्न संकट के राजनयिक और राजनीतिक समाधान निकालने का भी आह्वान किया गया.
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