केंद्र सरकार ने गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस पोर्टल पर “द सरस कलेक्शन” का शुभारंभ किया

May 5, 2020, 12:15 IST

इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में एसएचजी को केंद्र और राज्य सरकार के खरीदारों तक पहुंचने के लिए बाजार उपलब्ध कराना है. इसके ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये गये दैनिक उपयोगिता उत्पादों का प्रदर्शन किया जायेगा.

Rural Development Minister launches Saras collection on GeM portal in Hindi
Rural Development Minister launches Saras collection on GeM portal in Hindi

केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज तथा कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 04 मई 2020 को नई दिल्ली में सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल पर "द सरस कलेक्शन" का शुभारंभ किया. ये समूह इस पहल के तहत सरकारी खरीदारों हेतु अपने उत्पादों को जीईएम पर प्रदर्शित कर सकते हैं.

जेम और दीनदयाल अंत्योदय योजना -राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक अनूठी पहल, सरस संग्रह, ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा बनाए गए दैनिक उपयोग वाले उत्पादों को प्रदर्शित करता है. इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में एसएचजी को केंद्र और राज्य सरकार के खरीदारों तक पहुंचने के लिए बाजार उपलब्ध कराना है.

डीएवाई-एनआरएलएम के बारे में

डीएवाई-एनआरएलएम का लक्ष्य कुशल मजदूरी रोजगार अवसरों का सृजन करते हुए विविधीकृत और लाभदायक स्व-रोजगार के संवर्धन के जरिये गरीबी को कम करना है. यह योजना सामाजिक पूंजी के निर्माण में सहायता करती है और गरीबी में कमी लाने हेतु वित्तीय संपर्क सुनिश्चित करती है तथा ग्रामीण गरीब महिलाओं का जीवन स्तर बढ़ाती है. इसकी डिजिटल वित, ग्रामीण उत्पादों के आसपास मूल्य श्रंखला के सृजन और बाजार पहुंच में सुधार, ग्रामीण उद्यम और सामुदायिक संस्थानों के सुदृढ़ीकरण जैसे वित्तीय समावेश के वैकल्पिक माध्यमों हेतु नवोन्मेषणों को लेकर महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं.

मुख्य बिंदु

• इस पहल के तहत ग्रामीण एसएचजी अपने उत्पादों को सरकारी ई-मार्केटप्लेस पर पाँच श्रेणियों - हस्तशिल्प, हथकरघा और वस्त्र, कार्यालय के सामान, किराने व पेंट्री, और व्यक्तिगत देखभाल व स्वच्छता में सूचीबद्ध कर सकेंगे.

• पहले चरण में, 11 राज्यों के 913 एसएचजी पहले से ही विक्रेताओं के रूप में पंजीकृत हैं और 442 उत्पादों को पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है.

• थोड़े समय में देशभर में बड़ी संख्या में एसएचजी को पोर्टल पर पंजीकृत करने के लिए जीईएम ने एनआरएलएम डेटाबेस के साथ एपीआई आधारित एकीकरण तंत्र विकसित किया है.

• जीईएम राष्ट्रीय, राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर पदाधिकारियों के लिए डैशबोर्ड प्रदान करेगा, जो उन्हें स्वयं सहायता समूहों द्वारा अपलोड किए गए उत्पादों की संख्या, और प्राप्त आदेशों की पूर्ति और मात्रा के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करेगा.

• इस पहल के तहत एसएचजी को शामिल करने का कार्य पहले बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, केरल, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल के राज्यों में किया गया है.

जीईएम के बारे में

गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जीईएम) एक 100 फीसदी सरकारी स्वामित्व वाली सेक्शन 8 कंपनी है. इसकी स्थापना केंद्रीय एवं राज्य सरकार संगठनों के लिए आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद के लिए एक राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल के रूप में की गई है. जीईएम सभी केंद्रीय एवं राज्य सरकार मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (पीएसई), स्थानीय निकायों एवं स्वायत्तशासी संगठनों हेतु वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद का आनलाइन एवं अंतिम रूप से समाधान उपलब्ध कराती है. यह प्लेटफार्म खरीद में मानवीय अंतःक्षेपों को घटाता है और पारदर्शी, लागत बचतकारी, समावेशिता एवं चेहरारहित मानकीकृत सार्वजनिक खरीद की प्रभावोत्पादकता बढ़ाने में सक्षम बनाता है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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